मंगलुरु । कर्नाटक (Karnataka) के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील दक्षिण कन्नड़ जिले में सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए एक नवविवाहित हिंदू युवक (newly married hindu youth) ने बंतवाल तालुक के विट्टल में एक मस्जिद में इफ्तार पार्टी (iftar party) आयोजित की। प्रदेश में हिजाब, हलाल, अजान और मुसलमानों की दुकानों के बहिष्कार के आह्वान के बीच चंद्रशेखर जद्दू इस इफ्तार पार्टी के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतीक के रूप में उभरे हैं।
बंतवाल तालुक के बायरिकेट के रहने वाले चंद्रशेखर बोरवेल कंपनी में काम करते हैं। चंद्रशेखर की शादी 24 अप्रैल को हुई थी। चूंकि मुसलमान इस महीने रमजान मना रहे हैं, इसलिए मुस्लिम समुदाय के उसके कई दोस्त शादी समारोह में दावत का आनंद नहीं ले सके। वह इस बात से दुखी था कि उसके मुस्लमान दोस्त उसकी शादी में खाना नहीं खा पाए, क्योंकि उनके रमजान चल रहे हैं।
चंद्रशेखर ने कहा कि इस गांव में, हिंदू, ईसाई और मुसलमान कई सालों से सौहार्दपूर्ण ढंग से रह रहे हैं। मैं दुखी महसूस कर रहा था कि मेरे मुस्लिम दोस्त मेरी शादी में शामिल नहीं हो सके। इसलिए मैंने उनमें से कुछ से बात की और उनके लिए इफ्तार आयोजित करने की योजना बनाई।
इसके बाद उसने अपनी शादी के जश्न को मनाने के लिए एक मस्जिद में अपने मुस्लिम दोस्तों के लिए इफ्तार पार्टी आयोजित करने का फैसला किया। सभी बायरिकेट में स्थानीय मस्जिद पहुंचे। यहां इफ्तार का आयजोन किया गया। इस दौरान 100 से अधिक मुस्लिम दोस्तों, 30 हिंदू मित्रों और चार ईसाई दोस्तों ने इफ्तार किया।
जलालिया जुमा मस्जिद के सचिव मोहिउद्दीन कुन्ही ने कहा कि जब चंद्रशेखर उनके पास इफ्तार की मेजबानी करने का अनुरोध करने आए, तो उन्हें इजाजत दे दी गई। यह अलग तरीके का इफ्तार था और पहली बार मस्जिद के अंदर आयोजित किया गया था।
बाद में, चंद्रशेखर को इमाम और जलालिया जुमा मस्जिद के पदाधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया और इफ्तार में शामिल होने वाले सभी लोगों ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया।
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