इंदौर। शहर में कई साप्ताहिक और मासिक अखबारों के साथ ही मैगजीन का रजिस्ट्रेशन तो हुआ है, लेकिन लंबे समय से प्रकाशित नहीं हो रहे हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासन द्वारा मालिकों को नोटिस जारी कर 10 जून तक जवाब देने के लिए तलब किया था। सूत्रों के अनुसार 5 दिनों में प्रशासन के पास 48 साप्ताहिक, मासिक तथा मैगजीन के मालिकों ने पहुंचकर जवाब दिए हैं। इनमें अधिकतर मालिक तो यह कहने लगे कि महामारी के कारण हमारी आर्थिक स्थिति ज्यादा खराब हो गई, इसलिए अखबार नहीं प्रकाशित कर पाया।
कुछ यह कहने लगे कि अखबार कोई खरीदता ही नहीं है तो छाप कर क्या करेंगे। इसी तरह कुछ ने यह कहा कि बंद करा दें तो ही बेहतर रहेगा, क्योंकि कागज से लेकर छपाई तक का रेट पहले की अपेक्षा ज्यादा महंगा हो गया है। कुल मिलाकर अखबार के मालिकों ने जो जवाब दिए हैं, वह प्रशासन के गले नहीं उतर रहा है। अपर कलेक्टर पवन जैन ने बताया कि जवाब की रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर के यहां फाइल भेज दी गई है। उनके आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
91 को नोटिस… प्रशासन के सामने 48 अखबार मालिक ही पेश हुए
समाचार पत्रों को अखबार प्रकाशन के बाद उसकी यह प्रति जनसंपर्क कार्यालय में प्रस्तुत करना पड़ती है, लेकिन कई समाचार पत्र लंबे समय से प्रकाशित ही नहीं हो रहे। ऐसे 91 अखबार व अन्य समाचार पत्र के मालिकों को नोटिस जारी कर तलब किया था। 5 दिनों तक चली सुनवाई में सिर्फ 48 अखबार मालिक ही पेश होकर जवाब दिए हैं।