विदेश

US में भारतीय मूल की निक्की हेली बोलीं, हमारी सरकार बनी तो पाकिस्तान को नहीं मिलेगी मदद

वॉशिंगटन (washington)। पाकिस्तान (Pakistan) इस समय आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। उसे देश को दिवालिया होने से बचाने के लिए अमेरिकी डॉलर जुटाने की कोशिश में है। विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) तीन अरब अमेरिकी डॉलर (U.S. Dollar) से भी कम बचा है। इस बीच, भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निक्की हेली के दो टूक बयान से उसकी बेचैनी बढ़ना तय है। हेली ने मंगलवार को कहा कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो पाकिस्तान जैसे बुरे देशों को डॉलर नहीं देंगे। निक्की हेली अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से दावेदार हैं।

साउथ कैरोलिना से दो बार गवर्नर रहीं हेली ने ट्वीट किया, अमेरिका बुरे लोगों को आर्थिक मदद करता है। अमेरिका ने पिछले साल पाकिस्तान, इराक और जिम्बावे को लाखों डॉलर दिए। सशक्त अमेरिका दुनियाभर के देशों का एटीएम नहीं होगा। उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा, अमेरिका दुनिया का एटीएम नहीं हो सका। राष्ट्रपति के रूप में हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी विदेश नीति दुरुस्त हो। हमारी योजनाएं हमारे दुश्मनों को पैसे भेजने से जुड़ी हुई नहीं होगी।

‘बर्बाद नहीं होने देंगे अमेरिकी नागरिकों की गाढ़ी कमाई’
हेली ने कहा, मैं उन देशों के लिए मदद में हर संभव कटौती करूंगी, जो हमसे नफरत करते हैं। एक मजबूत अमेरिका बुरे लोगों को आर्थिक मदद नहीं करेगा। हम अपने लोगों की गाढ़ी कमाई को बर्बाद नहीं होने देंगे। सुयंक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत ने न्यूयॉर्क पोस्ट में एक लेख में कहा कि भरोसे के हकदार केवल वही नेता हैं, जो हमारे दुश्मनों के खिलाफ खड़े होते हैं और हमारे दोस्तों के साथ खड़े होते हैं।


‘आतंकी संगठन का घर पाकिस्तान, चीन से गहरा संबंध’
उन्होंने अपने लेख में कहा कि अमेरिका ने पिछले साल विदेशी मदद पर 46 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए। यह मदद चीन, पाकिस्तान और इराक जैसे देशों को गया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी करदाताओं को यह जानने का हक है कि यह पैसा कहां जा रहा है। हेली के मुताबिक, बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता फिर से शुरू कर दी है। यह देश कम से कम एक दर्जन आतंकवादी संगठनों का घर है और इसकी सरकार चीन के साथ गहरे संपर्क में है।




‘राष्ट्रपति बनीं तो ब्लॉक करूंगी एक-एक पैसा’
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के तौर पर उन्होंने पाकिस्तान को दी जाने वाली करीब दो अरब डॉलर की सैन्य सहायता में कटौती के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का पुरजोर समर्थन किया था, क्योंकि उस देश ने अमेरिकी सैनिकों की हत्या करने वाले आतंकवादियों का समर्थन किया था। यह हमारे सैनिकों, हमारे करदाताओं और हमारे महत्वपूर्ण हितों के लिए एक बड़ी जीत थी। हम अभी भी उन्हें अन्य सहायता दे रहे हैं। राष्ट्रपति के तौर पर मैं हर पैसे को ब्लॉक कर दूंगी।

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