नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की शुक्रवार को हुई 45वीं बैठक से पहले इस तरह कह अटकलें थीं कि Swiggy और Zomato जैसी फूड डिलीवरी ऐप (food delivery app) से खाना मंगाना महंगा हो सकता है. जीएसटी परिषद (GST Council) इस सर्विस पर जीएसटी की दरें बढ़ा सकती (GST rates may increase) है. लेकिन बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने इस संबंध में बैठक में हुए फैसले की जानकारी दी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि Swiggy और Zomato जैसी फूड डिलीवरी ऐप पर जीएसटी लगाने को लेकर विचार-विमर्श हुआ. लेकिन इस मामले में कई मु्द्दों को लेकर स्पष्टता का अभाव रहा. इसके चलते परिषद ने इस सेवा पर किसी तरह का नया टैक्स लगाने का फैसला नहीं लिया है. हालांकि इस बात पर सहमति बनी है कि फूड डिलीवरी के समय ये ऐप फूड डिलीवरी वाले स्थान पर टैक्स यानी कि डिलीवरी पॉइंट पर टैक्स कलेक्शन करेंगी और बाद में उसका भुगतान करेंगी. ये ऐप वही टैक्स वसूलेंगी जो रेस्टोरेंट वसूलते हैं.
इसी के साथ वित्त मंत्री ने कहा कि परिषद ने दो मंत्री समूह का गठन किया है. इनमें से एक मंत्री समूह जीएसटी दरों से जुड़ी दिक्कतों और उन्हें तार्किक बनाने के समाधान पर रिपोर्ट तैयार करेगा. वहीं दूसरा समूह जीएसटी के अनुपालन, ई-वे बिल, तकनीक के उपयोग और व्यवस्था में लूप होल्स को दूर करने के लिए अपनी रिपोर्ट देगा. ये दोनों मंत्री समूह 2 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देंगे और इनका गठन एक-दो दिन के अंदर कर लिया जाएगा.
वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए बैठक में बातचीत हुई. बैठक में इसे एजेंडा सिर्फ केरल हाईकोर्ट के एक आदेश को पूरा करने के लिए बनाया गया. लेकिन जीएसटी परिषद में इस बात पर सहमति बनी कि ‘अभी इसका सही समय नहीं आया है.’ Share: