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Corona नहीं सरकार ने नाराज है यूरोप की जनता, नहीं चाहते Lockdown

लंदन। यूरोप (Europe) में कोरोना वायरस(Corona virus) की बढ़ती लहर के बीच कई देशों ने सख्त लॉकडाउन(Strict lockdown) का ऐलान किया हुआ है। सरकारों को लगता है कि लापरवाहियों के कारण उनके देश में इस सदी की सबसे बड़ी महामारी (pandemic) दोबारा पांव पसार रही है। वहीं लोग इन सख्त पाबंदियों से तंग आकर अब सड़कों पर उतर गए हैं। जर्मनी, ऑस्ट्रिया, यूके, फिनलैंड, रोमानिया और स्विट्जरलैंड(Germany, Austria, UK, Finland, Romania and Switzerland) सहित यूरोप (Europe) के कई अन्य देशों में लॉकडाउन (lockdown) के खिलाफ प्रदर्शन (Protest against lockdown) जारी है। ऐसे ही एक प्रदर्शन के दौरान जर्मनी में तो हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को वाटर कैनन और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल करने के बाद लाठी चार्ज तक करना पड़ा। इस घटना में पुलिसकर्मियों सहित कई लोगों को गंभीर चोट भी लगी है। यूरोप के कई देश ऐसे भी हैं जहां स्कूली छात्र अपने माता-पिता के साथ लॉकडाउन का विरोध कर रहे हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि जब सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगा रही है तो वहां की जनता इसके विरोध में क्यों है?



यूरोप में क्यों आई लॉकडाउन लगाने की नौबत?
यूरोपीय देशों में लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए शुरुआत में काफी तेज गति से वैक्सीनेशन प्रोग्राम को शुरू किया गया। यूरोपीय यूनियन की ड्रग एडमिसिस्ट्रेटिव संस्था यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने सबसे पहले फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दी थी। इसके कुछ दिनों के बाद ही मॉडर्ना और उसके बाद ऑक्सफर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को मंजूरी दी गई। यूरोप के अलग-अलग देश पहले से ही वैक्सीन निर्माता इन कंपनियों से सौदा किए हुए थे, जिसके कारण कुछ देशों को तो कंपनियो ने जल्दी ही वैक्सीन की भारी डोज मुहैया कराई जबकि कई देश पिछड़ गए। इस बीच लोगों की लापरवाही और वैक्सीनेशन प्रोग्राम में ढिलाई का फायदा कोरोना वायरस ने उठाया। उसके नए-नए स्ट्रेन ने ब्रिटेन के बाद यूरोप के कई देशों में लोगों को संक्रमित करना शुरू किया। यही कारण है कि अब ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, यूके, फिनलैंड, रोमानिया समेत कई देशों को लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है। इन सबके बीच एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को खून के थक्के जमने के आरोपों के बाद निलंबित कर दिया गया, जिसके कारण यूरोप को सप्लाई की जाने वाली वैक्सीन पर बुरा असर भी पड़ा।

जर्मनी में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प, लाठीचार्ज
जर्मनी के कासेल शहर में लॉकडाउन के खिलाफ 20000 से ज्यादा लोग सड़कों पर उतरे। इन्हें रोकने की कोशिश के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद पुलिस ने पानी की बौछार करके और आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को खदेड़ा। जब कुछ प्रदर्शनकारी वापस आने लगे तो पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा। जर्मनी में कोरोना वायरस के कई नए स्ट्रेन मिलने के बाद संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो गई है। कई विशेषज्ञों ने सरकार को लॉकडाउन के बजाए वैक्सीनेशन को तेज करने पर फोकस करने को कहा है। दरअसल जर्मनी ने एस्ट्राजेनेका के साथ कोविड वैक्सीन के लिए सौदा किया था। लेकिन, यूरोप में लगी रोक के कारण इस देशों को भी वैक्सीन की किल्लत झेलनी पड़ी। अब पाबंदियां खत्म होने के बाद जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल अपने देश के 16 राज्यों के प्रमुखों के साथ वैक्सीनेशन प्रोग्राम को तेज करने पर लगातार बैठक कर रही हैं।

ब्रिटेन में भी पाबंदियों से भड़के लोग, लंदन में जोरदार प्रदर्शन
दुनियाभर में कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम को सबसे पहले शुरू करने वाले ब्रिटेन में भी लोग लॉकडाउन से तंग आ चुके हैं। यही कारण है कि राजधानी लंदन में हजारों लोगों ने सड़क पर उतरकर सरकार के इस निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन किया है। इन लोगों ने हाथ में तख्ती ली हुई थी जिसपर लिखा हुआ था कि ‘कोरोना नहीं बल्कि सरकार से डरो’ ‘हमारे बच्चों के जिंदगियों को बर्बाद करना रोको।’ लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कोरोना वायरस की पाबंदियों के उल्लंघन के आरोप में 36 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि, लोगों ने पुलिस के ऊपर बोतल और केन फेंके। सरकार के लॉकडाउन वाले फैसले के खिलाफ कई सांसद भी उठ खड़े हुए हैं। करीब 60 सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गृह सचिव से मिलकर पाबंदियों को कम करने का आग्रह किया है।

फिनलैंड, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में भी सड़कों पर लोग
यूरोप के कई देशों में लोग कोरोना वायरस लॉकडाउन के खिलाफ सड़कों पर हैं। फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में सरकार के लॉकडाउन के विरोध में हजारों लोगों की भीड़ सड़कों पर उतरी। वहीं, पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए बिना मास्क के सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठा होने के जुर्म में करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया है। ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में भी लोगों ने प्रतिबंधों का विरोध किया। इन लोगों ने वियना के सेंट्रल ट्रेन स्टेशन के पास सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। स्विट्जरलैंड में 5,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने बेसल शहर से 15 किलोमीटर दूर लिस्टल शहर में मूक मार्च निकाला। रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में भी करीब 1000 लोगों ने कोरोना वायरल लॉकडाउन के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन किया।

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