विदेश

रूस ने ताइवान को चीन का हिस्सा माना, उसकी ‘आजादी’ का किया विरोध


नई दिल्ली: रूस (Russia) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है. उसने ताइवान को चीन का एक अविभाज्य हिस्सा माना है और उसकी किसी भी तरह की आजादी को खारिज कर दिया है. ये एक ऐसा फैसला है, जिसके बारे में अमेरिका सहित दूसरे पश्चिमी देशों ने उम्मीद नहीं की होगी.

ताइवान को चीन का हिस्सा मानने के रूस के इस कदम की जानकारी शुक्रवार को रूस-चीन (Russia China Relations) की संयुक्त घोषणा में सामने आई है. बयान में कहा गया है, ‘रूसी पक्ष ने एक-चीन सिद्धांत (One-China Principle) के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की है. ताइवान चीन का एक अविभाज्य हिस्सा है और किसी भी तरह से वह ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध करता है.’

बयान में यह भी कहा गया कि रूस और चीन एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ-साथ घरेलू मामलों में विदेशी हस्तक्षेप के विरोध सहित अपने हितों की रक्षा के लिए मजबूत पारस्परिक समर्थन को दोहराते हैं. इस लंबे चौड़े संयुक्त बयान में चीन ने हांगकांग (Hong Kong Riots) में हुए दंगों और ताइवान का अपनी आवाजी के लिए आवाज उठाने जैसे मुद्दों के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया है. जबकि रूस ने आरोप लगाया कि अमेरिका ठीक इसी तरह से यूक्रेन में भी अस्थिरता पैदा कर रहा है.


बाहरी ताकतों को आगाह किया
5300 शब्दों के संयुक्त बयान को क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) ने जारी किया है. जिसमें कहा गया है, ‘रूस और चीन बाहरी ताकतों द्वारा अपने निकटवर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने के प्रयासों के खिलाफ खड़े हैं.’ इसमें लिखा है कि दोनों ही देश ‘किसी भी बहाने से संप्रभु देशों के आंतरिक मामलों में बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप का मुकाबला करने और इन क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का इरादा रखते हैं.’ वहीं चीन ने कहा कि दुनिया को ऐसे दो शक्तिशाली ब्लॉक्स के तौर पर विभाजित नहीं किया जाना चाहिए, जैसे कभी सोवियत संघ और अमेरिका हुआ करते थे. जब इन्हें ही दुनिया की दो बड़ी महाशक्ति कहा जाता था.

बीजिंग में मिले दोनों नेता
इस बयान से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) से बीजिंग में मुलाकात की थी. वह यहां बीजिंग विंटर ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए आए हैं. रूसी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के मजबूत रिश्ते की तारीफ करते हुए इसे अभूतपूर्व और सम्मानजनक सहयोग का एक उदाहरण बताया. वह यूक्रेन मसले पर पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन दौरे पर आए हैं. करीब दो साल बाद अपनी पहली आमने-सामने की मुलाकात में पुतिन और शी एक दूसरे के सुर में सुर मिलाते नजर आए. दूसरी तरफ शी ने कोरोना वायरस के कारण जनवरी 2020 के बाद से देश से बाहर की कोई यात्रा नहीं की है.

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