नलखेड़ा। शासन एक ओर ग्राम पंचायत स्तर पर हाट बाजार बनाने की योजना पर कार्य कर रही है वही दूसरी ओर नगरीय क्षेत्र में आज तक हाट बाजार नहीं बन पाया है। नतीजन मुख्य मार्ग पर हाट-बाजार लगने से दुकानदार, ग्राहक व राहगीर सभी परेशान होते रहते हैं। नलखेड़ा एक ग्रामीण परिवेश का नगर है जहाँ लगभग 100 ग्रामों के ग्रामीण खरीददारी करने पहुंचते है। यहाँ प्रति शनिवार हाट बाजार लगता है। पूर्व में यह हाट बाजार चौक बाजार में लगा करता था। उसके बाद गणेश चौराहा व पुलिस थाने के सामने होता हुआ वर्तमान में पुरानी मंडी रोड़ पर लगाया जा रहा है। वर्तमान में जिस स्थान पर प्रति शनिवार हाट बाजार लगता है, वह मार्ग लगभग आधे नगरवासियों के आने जाने का प्रमुख मार्ग है। साथ ही इसकी चौड़ाई भी अधिक नही है। ऐसे में हाट बाजार में आने वाली दुकाने सड़क के दोनों ओर लग जाने के बाद सड़क पर मात्र 5 से 7 फिट का स्थान शेष रह जाता है। इस शेष स्थान पर हाट बाजार में खरीदी करने आने वाले ग्राहक भी सही ढंग से खरीदी के दौरान खड़े नहीं रह पाते हैं ऊपर से मार्ग पर निकलने वाले राहगीरों का दबाव अलग होता है।
ऐसी स्थिति में यदि भूलवश कोई दोपहिया वाहन भी आ जाता है तो उसे यह लगभग 50 मीटर दूरी तय करने में आधा घंटा लग जाता है साथ ही उस वाहन चालक को कई लोगो से विवाद भी करना पड़ता है। हाट बाजार की ऐसी स्थिति में यदि कोई महिला ग्राहक पहुंच जाती है तो उन्हें हद से भी अधिक परेशानी उठाने को मजबूर होना पड़ता है क्योंकि वहाँ पैर रखने की भी जगह नही होती है। ऐसी परिस्थिति में हाट बाजार में आने वाले दुकानदार, ग्राहक और राहगीर सभी सुबह से देर शाम तक परेशान होते रहते है। यहाँ दिनभर छोटे मोटे विवाद भी होते रहते हंै। धीरे-धीरे फैलाव लेते इस नगरीय क्षेत्र में आज तक ना तो किसी जनप्रतिनिधि और ना ही किसी अधिकारी द्वारा सुध ली गई। जिम्मेदारों द्वारा मात्र समय समय पर हाट बाजार का स्थान बदलकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली गई। अब जबकि यह समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है जिम्मेदारों को स्थाई हाट बाजार का निर्माण कर समस्या का निदान करना चाहिए। Share: