आचंलिक

कांग्रेस नेता स्वामी की याचिका स्वीकार सुनवाई के लिए 7 नवम्बर तारीख नियत

  • सोनिया, मिस्त्री, नाथ और खान के विरूद्ध लगाई गई थी याचिका

नागदा। अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, जिला चुनाव अधिकारी अब्दुल मन्नान खान के विरुद्ध अपर जिला न्यायाधीश अभिषेक सक्सेना के न्यायालय में अभिभाषक एस.के. साहू द्वारा याचिकाकर्ता जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी की ओर से दायर याचिका स्वीकार कर उपरोक्त सभी को नोटिस जारी करने के आदेश देते हुए सुनवाई के लिए 7 नवंबर की तारीख दी गई है।
उल्लेखनीय है कि गत बुधवार 21 सितंबर को व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 संतोष तिवारी के न्यायालय में उपरोक्त याचिका नामंजूर कर दी गई थी। न्यायालय द्वारा आदेशित किया गया था कि कांग्रेस संविधान में उल्लेखित उचित फोरम में अपना पक्ष रखें, उसके पश्चात न्यायालय समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करें। शनिवार को अभिभाषक एस.के. साहू द्वारा अपर जिला न्यायाधीश अभिषेक सक्सेना के न्यायालय में लगाई गई याचिका में बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव हेतु पक्षकार सुबोध स्वामी द्वारा दिए गए आवेदन याचिका में संलग्न है। न्यायालय को याचिका को मंजूर कर उभय पक्षों को नोटिस जारी करने का अनुरोध याचिकाकर्ता द्वारा किया गया था। न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करते हुए सोनिया गांधी, मधुसूदन मिस्त्री, कमलनाथ, अब्दुल मन्नान खान को सूचना पत्र जारी करते हुए 7 नवंबर की तारीख नियत की है। गत माह की 22 अगस्त को जिला चुनाव अधिकारी अब्दुल मन्नान खान के नागदा उज्जैन दौरे के दौरान श्री स्वामी द्वारा उज्जैन जिला ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत की गई थी लेकिन अब्दुल मन्नान खान द्वारा यह कहते हुए कि किसी भी विधायक ने आपके नाम की अनुशंसा नहीं की है। इसलिए आपके नाम का विचार नहीं किया जा सकता।



श्री स्वामी ने तर्क दिया कि कांग्रेस संविधान की कंडिका 10 में जिला अध्यक्ष का चुनाव जिले के सभी सदस्यों द्वारा मतदान करके चुना जाना उल्लेख है। बावजूद इसके कांग्रेस संविधान का उल्लंघन कर नेताओं के दबाव में आप नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हो जिसको दरकिनार करते हुए श्री खान ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस को प्रस्तुत कर दी थी, वर्ष 2021 में राहुल गांधी एवं कमलनाथ के आव्हान पर चलाए गए डिजिटल सदस्यता अभियान के तहत कांग्रेसी सदस्यों से नेताओं द्वारा आह्वान किया गया था कि जो ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाएगा उसे उचित सम्मान एवं पद दिया जाएगा। स्वामी द्वारा इस कार्य को बेहतरता से पूरा किया गया, बावजूद उन्हें जो सम्मान कांग्रेस में मिलना था वह नहीं मिल सका। जब चुनाव का समय आया तो विधायकों के दबाव में रबर स्टैंप व चापलूस नेताओं की नियुक्तियाँ की जा रही है जो कर्मठ एवं जुझारू कार्यकर्ताओं के साथ कुठाराघात है।

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