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अब लार्वा से पैदा नहीं होंगे डेंगू के मच्छर, बैक्टीरिया कर देगा स्टरलाइजः रिसर्च

नई दिल्ली। दुनिया भर के डॉक्टरों के लिए हर साल मच्छरों से फैलाने वाली बीमारियों (mosquito-borne diseases) का मौसम चुनौतीपूर्ण रहता है। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचाव के लिए तरह तरह के उपाय किए जाते हैं. मच्छरों को मारने के लिए कई तरह के केमिकल का यूज भी किया जा रहा है. लेकिन इन केमिकल्स के बढ़ते प्रयोग (Increasing use of chemicals) के कारण मच्छरों में प्रतिरोधी क्षमता यानी इम्यूनिटी भी विकसित हो रही है. इससे मच्छरों के प्रकोप से छुटकारा पाने में मुश्किल आ रही है। साथ ऐसे केमिकल पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया में किए गए एक प्रयोग में पाया गया है कि डेंगू जैसे रोगों को फैलाने वाले मच्छरों का सफाया एक खास बैक्टीरिया से किया जा सकता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (CSIRO) के रिसर्चर्स की एक टीम ने पाया है कि वल्बाचिया बैक्टीरिया रोगाणु वाहक मच्छर (Wolbachia Bacteria Germ carrier Mosquito) एडीस इजिप्ती (Aedes Aegypti) को सफलता पूर्वक स्टारलाइज कर सकता है।


कैसे किया गया ट्रायल
रिसर्च करने वालों ने 2018 में 20 हफ्ते के अपने प्रयोग में करीब 30 लाख स्टरलाइज्ड मच्छरों को क्वींसलैंड की तीन ट्रायल साइटों पर छोड़ा था। मादा इजिप्ती मच्छर जब स्टरलाइज्ड नर मच्छरों के संपर्क में आए तो उनसे अंडा या लार्वा तो बने, लेकिन उससे मच्छर नहीं पनप सके। इसके बाद CSIRO के रिसर्चर्स ने ये पाया कि 12 महीनों में ट्रायल साइटों पर मच्छरों का प्रकोप (आबादी ) 80 से 97 प्रतिशत तक कम हो गई. ऐसा बताया जा रहा है कि यह तकनीक वायरस फैलाने वाले एशियन टाइगर मच्छर एडीज एल्बोपिक्टस की रोकथाम के लिए अपनाई जा सकती है।

कई टीमों का साझा प्रयास
यह ट्रायल CSIRO, यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड, वेरिली लाइफ साइंसेज, क्यूआईएमआर बरघोफर मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट और जेम्स कुक यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल सहयोग से किया गया। जेम्स कुक यूनिवर्सिटी के एडजंक्ट प्रोफेसर (Adjunct Professor) स्कॉट रिची (Scott Ritchie) ने कहा कि वल्बाचिया परीक्षण (Wolbachia trial) एक सफल इंटरनेशनल कॉलेब्रेशन था जिसने समकालीन विज्ञान को अत्याधुनिक तकनीक के साथ मिलकर काम करते हुए देखा, ताकि डेंगू फैलाने वाले एडीज एजिप्टी मच्छर को खत्म करने में मदद मिल सके।

उन्होंने कहा, “यह एक बेहद सफल प्रोजेक्ट था. हमने केर्न्स में जेम्स कुक यूनिवर्सिटी में कीटाणु में परीक्षण के लिए आवश्यक तीन मिलियन नर एडीज इजिप्ती मच्छरों को पाला।”

कौन सी बीमारियां फैलाता है एडीस इजिप्ती मच्छर
आपको बता दें कि एडीस इजिप्ती डेंगू बुखार, येलो फीवर, जीका वायरस तथा अन्य रोगों के फैलाव के लिए जिम्मेदार है. रिसर्च में ये पाया गया कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्र यानी ट्रॉपिकल जोन (Tropical zone) के 120 से ज्यादा देशों में लाखों लोग मच्छरों द्वारा फैलाए जाने वाली बीमारियों की चपेट में आते हैं।

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