नई दिल्ली (New Delhi)। बिहार में लोकसभा (Lok Sabha in Bihar) की 40 सीटों को लेकर महागठबंधन, बीजेपी और असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) सभी ने पूरा जोर लगाने जा रहीं हैं। अब AIMIM यानी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी पदयात्रा का दांव चलने की तैयारी कर रहे हैं।
खबर है कि वह बिहार के अहम सीमांचल क्षेत्र में ‘अधिकार पदयात्रा’ निकालने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि ओवैसी की यह पहल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की चिंताएं बढ़ा सकती है। ओवैसी की पदयात्रा में खास फोकस मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में होगा। वह सीमांचल के दो बड़े शहरों (पूर्णिया और किशनगंज) में 18-19 मार्च को यात्रा की शुरुआत करेंगे। इस दौरान वह पूर्णिया के बैसी-अमोर और किशनगंज जिले के कुछ स्थानों पर पहुंचेंगे। पार्टी के नेता जनता से मुलाकात करेंगे और सीमांचल के मुद्दें पर बात करेंगे।
कहा जा रहा है कि सीमांचल में AIMIM की खासी चुनावी मौजूदगी है। साल 2020 विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी, हालांकि, बाद में AIMIM के चार विधायक राष्ट्रीय जनता दल यानी RJD में शामिल हो गए थे। बाद में नीतीश कुमार ने भी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस से दूरी बनाकर महागठबंधन का साथ चुना था।
दरअसल, सीमांचल में 4 लोकसभा और 24 विधानसभा सीटें हैं। साल 2019 लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने दो सीटें जीती थी। जबकि, भाजपा और कांग्रेस के खाते में एक-एक सीट आई थी।
गोपालगंज में हुए उपचुनाव में राजद को भाजपा ने महज 1794 मतों से हरा दिया था। उस दौरान AIMIM के अब्दुल सलाम के खाते में 12 हजार से ज्यादा वोट आए थे। तब तेजस्वी यादव ने माना था कि राजद उम्मीदवार की हार में AIMIM की बड़ी भूमिका रही है। साथ ही उन्होंने इसे भाजपा की ‘बी टीम’ भी करार दे दिया था।
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