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अब UP में मदरसों के बाद वक्फ संपत्तियों पर योगी सरकार की नजर!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government of Uttar Pradesh) की मदरसों के बाद अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नजर है और इनकी कुंडली खंगाली (horoscope scan) जाने लगी है। यूपी में प्रदेश सरकार (State government in UP) ने सामान्य संपत्ति को प्रक्रिया का पालन न करके राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराई गई वक्फ संपत्तियों की जांच और सीमांकन कराने का फैसला लिया है। सरकार ने राजस्व विभाग के वर्ष 1989 के शासनादेश को भी निरस्त करते हुए हुए जांच एक माह में पूरा करने के निर्देश सभी जिलों को दिए हैं।

विदित हो कि इससे पहले यूपी सरकार (UP government) ने आदेश दिया है कि राज्य के सभी मदरसों का सर्वे किया जाए और उनकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जाए। यूपी सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था के कायाकल्प की दिशा में प्रयास कर रही है। मदरसों के सर्वे को लेकर सभी जिलों के डीएम को आदेश दिया गया है। इसके लिए 5 अक्टूबर, 2022 तक की समयसीमा भी तय की गई है। उन मदरसों का सर्वे होगा, जो गैर-मान्यता प्राप्त हैं।



यही कारण है क अब मदरसों के बाद यहां वक्फ संपत्तियों की जांच कराने का निर्णय लिया गया है। शासन के उप सचिव शकील अहमद सिद्दीकी ने सूबे के सभी कमिश्नर व डीएम को लिखे पत्र में कहा कि वक्फ अधिनियम-1995 व उत्तर प्रदेश मुसलिम वक्फ अधिनियम-1960 में वक्फ की संपत्ति को पंजीकरण कराने के प्रावधान के बावजूद नियमों की अनदेखी की गई। वक्फ संपत्तियों को सुव्यवस्थित ढंग से राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने के लिए सात अप्रैल 1989 को शासनादेश भी जारी किया गया। कहा गया कि 1989 के शासनादेश के तहत पाया गया कि वक्फ की संपत्तियां अधिकतक बंजर, उसर और भीटा में दर्ज हैं, लेकिन मौके पर वक्फ है। इसलिए इन भूमि को सही तरह से राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने और उनका सीमांकन कराने की जरुरत है।

जारी किए गए आदेश में कहा गया कि ग्राम सभाओं और नगर निकायों की जमीन सार्वजनिक संपत्तियां हैं, जिनका जनहित में उपयोग किया जाता है। इन जमीनों का 1989 के शासनादेश के आधार पर प्रबंधन और स्वरूप बदलना राजस्व कानूनों के खिलाफ है। गैर वक्फ संपत्तियों को वक्फ संपत्ति में दर्ज करने की अनियमितताओं के चलते बीती आठ अगस्त को 1989 वाला राजस्व विभाग का शासनादेश भी निरस्त कर दिया गया है। वर्ष 1989 के बाद से राजस्व अभिलेखों में दर्ज वक्फ संपत्तियों को नियमानसुार दुरुस्त करने को कहा गया है।

आपको बता दें कि देशभर में वक्फ बोर्ड के पास भारतीय सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन है। यानी, वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है। वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक, देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल मिलाकर 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं। जो 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैली हैं।

प्रदेशभर में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे बीते दिनों सामने आ चुके हैं। अलीगढ़ में 4138 वक्फ संपत्तियों को चिन्हित किया जा चुका है। इसमें से कुछ संपत्तियों पर अवैध कब्जे हैं।

इस संबंध में अलीगढ़ मंडलकमिश्नर गौरव दयाल कहना है कि वक्फ सपंत्तियों को लेकर शासन द्वारा जारी आदेश के तहत मंडलभर में सर्वे कराया जाएगा। जल्द ही शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

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