नई दिल्ली (New Dehli) । केंद्र सरकार (Central government)ने बुधवार को राज्यसभा (Rajya Sabha)में कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों (civic elections)में जनसंख्या (population)के अनुसार अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) के लिए आरक्षण (Reservation)बढ़ाने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। पंचायती राज राज्य मंत्री कपिल पाटिल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243 डी के तहत ओबीसी को एक तिहाई आरक्षण प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा, “हालांकि, 21 राज्यों ने आरक्षण को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। स्थानीय निकाय चुनावों में जनसंख्या के अनुसार ओबीसी के लिए आरक्षण बढ़ाने की मांग की गई है। अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।”
पाटिल ने कहा कि स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है और इस आरक्षण के तहत ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को समायोजित करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य सरकारों को ओबीसी को आरक्षण देने का अधिकार है।
उन्होंने यह भी कहा कि “इस विषय पर राज्यों को अपने स्तर पर निर्णय लेना चाहिए।”
पाटिल ने कहा कि ओबीसी आरक्षण मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं हो सके और उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि ठोस आंकड़ों के बिना आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं किया जा सकता। स्थानीय निकायों में महिला आरक्षण के संबंध में मंत्री ने कहा कि केंद्र ने निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधियों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किए हैं, जिनका नतीजा दिख भी रहा है।
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