इंदौर में भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र में अब भिक्षा नहीं शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाएगा
इंदौर। इंदौर को भिक्षुक मुक्त शहर की मुहिम अन्य जिलों को भी प्रोत्साहित करेगी। इंदौर (Indore) के बाद सबसे पहले उज्जैन को भिक्षुक मुक्त करने के लिए पहल की जाएगी। अन्य शहरों को इंदौर के मॉडल (Indore models) की तर्ज पर जहां काम करना सिखाया जाएगा, वही भिक्षुुओं को भिक्षा नहीं शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री नारायणसिंह कुशवाह (Social Justice Minister Narayan Singh Kushwaha) ने इंदौर में स्माइल परियोजना के तहत भिक्षुक पुनर्वास केंद्र का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने इंदौर की तर्ज पर अब प्रदेश के अन्य शहरों को भी भिक्षावृत्ति से मुक्त शहर बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इंदौर शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने का कार्य बहुत बड़ा एवं चुनौती पूर्ण है। इंदौर में चल रहा अभियान सराहनीय एवं अनुकरणीय है। इंदौर में इस अभियान को मिल रही सफलता को देखते हुए अब प्रदेश के अन्य शहरों में भी इस तरह का अभियान चलाया जाएगा और इस अभियान में समाज की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। इस अवसर पर विधायक रमेश मेंदोला तथा गोलू शुक्ला, सामाजिक न्याय विभाग के आयुक्त डॉ. रामाराव भोंसले, परियोजना के नोडल अधिकारी तथा स्मार्ट सिटी के सीईओ दिव्यांक सिंह तथा परियोजना की संचालक रूपाली जैन भी मौजूद थीं।
उज्जैन मिलाएगा हाथ से हाथ
उन्होंने कहा कि इस अभियान की शुरुआत सबसे पहले उज्जैन शहर से की जाएगी। स्वच्छता के साथ अब इंदौर भिक्षावृत्ति मुक्ति में भी नंबर वन शहर बनेगा। सभी की सहभागिता से इंदौर को पूर्ण रूप से भिक्षावृत्ति से मुक्त शहर शीघ्र ही बनाया जाएगा। इस कार्य में धनराशि की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। कार्यक्रम के प्रारंभ में सामाजिक न्याय विभाग के आयुक्त डॉ. रामाराव भोंसले, परियोजना के नोडल अधिकारी तथा स्मार्ट सिटी के सीईओ दिव्यांक सिंह ने संबोधित किया।