नई दिल्ली। ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही विपक्षी नेताओं ने भी सोमवार को उम्मीद जताई कि भारत इससे सबक लेगा और शीर्ष पद के लिए किसी अल्पसंख्यक को चुनने की प्रथा को अपनाएगा। कांग्रेस नेता पी. चिंदबरम और शशि थरूर ने इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि एक दिन देश में भी इस प्रथा को अपना जाएगा।
वहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ब्रिटेन के इस कदम का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि भारत भी अधिक सहिष्णु बनेगा।
चिदंबरम ने अपने ट्वीट में कहा, पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया है और उन्हें सरकार में उच्च पदों पर चुना है। उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों को इससे सबक लेना चाहिए।
वहीं कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा, मुझे लगता है कि हम सभी को स्वीकार करना होगा कि ब्रिटेन ने दुनिया में बहुत ही दुर्लभ काम किया है। एक अल्पसंख्यक को सबसे ताकतवर कार्यालय में बैठाया है। हम भारतीय ऋषि सुनक के ऊपर पहुंचने का जश्न मना रहे हैं। ईमानदारी से पूछें क्यां यह यहां (भारत) हो सकता है।
वहीं मोइत्रा ने कहा, 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रिटिश एशियाई को रखने पर मुझे गर्व है। यूके मेरा दूसरा पसंदीदा देश है। भारत को और सहिष्णु व सभी धर्मों, सभी वर्गों को स्वीकार करने वाला होना चाहिए।
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