भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

प्रदेश मेें एक मरीज एक से ज्यादा लोगों को कर रहा Infected

  • मप्र में आर वैैल्यू देश में सबसे ज्यादा, विशेषज्ञों ने जताई चिंता

भोपाल। कोरोना (Corona) की तीसरी लहर (Third Wave) की आशंका के बीच प्रदेश में संक्रमण के मामले चिंता बढ़ा रहे हैं। इस बीच पिछले एक महीने में प्रदेश की आर वैल्यू 0.87 से बढ़कर 1.31 (यह 5 अगस्त तक के आंकड़े पर आधारित हैं) पहुंच गई है, जबकि देश में आर वैल्यू की दर 1.01 फीसदी है। यानी मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में क्र वैल्यू नेशनल एवरेज (kr value national average) से भी ज्यादा है। इसका मतलब है कि प्रदेश में संक्रमण (Infection) तेजी से बढ़ रहा है। एक्सपर्ट का कहना है, लंबे समय तक क्र वैल्यू का बढऩा गंभीर हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहारिया (Health expert Dr. Chandrakant Laharia) ने कहा, सीरो सर्वे की रिपोर्ट बताती है। मध्यप्रदेश की बड़ी आबादी में एंटीबॉडी बन चुकी है, जबकि सरकारी आंकड़े करीब 8 लाख लोगों के ही संक्रमित होने की पुष्टि करते हैं। चौथे राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण की रिपोर्ट अनुमान देती है कि देश में प्रत्येक पॉजिटिव मिलने के पीछे 30 ऐसे संक्रमित होते हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाती। प्रदेश में यह संख्या करीब 80 होने का अनुमान है, इसलिए क्र वैल्यू बढऩा चिंता का कारण है।

क्या है कोरोना की आर वैल्यू?

  • डेटा साइंटिस्ट्स के मुताबिक आर फैक्टर, यानी रीप्रोडक्शन रेट। यह बताता है कि एक इन्फेक्टेड व्यक्ति से कितने लोग इन्फेक्ट हो रहे हैं या हो सकते हैं। अगर आर फैक्टर 1.0 से अधिक है तो इसका मतलब है कि केस बढ़ रहे हैं। वहीं, आर फैक्टर का 1.0 से कम होना या कम होते जाना केस घटने का संकेत होता है। इसे इस बात से भी समझ सकते हैं कि अगर 100 व्यक्ति इन्फेक्टेड हैं। वह 100 लोगों को इन्फेक्ट करते हैं तो आर वैल्यू 1 होगी। पर अगर वे 80 लोगों को इन्फेक्ट कर पा रहे हैं तो यह आर वैल्यू 0.80 होगी।
  • डॉ. लहारिया ने बताया कि आर वैल्यू संक्रमण फैलने को बताता है। यदि क्र वैल्यू 1.0 से अधिक है, तो संक्रमण बढ़ रहा है। यह 1.0 से कम है, तो संक्रमण कम है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि आर वैल्यू 1 है, तो वह एक अन्य व्यक्ति को संक्रमित करता है। दो संक्रमित व्यक्ति हैं, तो वह दो व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं।
  • डॉ. लहारिया ने कहा कि आर वैल्यू रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के साथ ही जनता को भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूरी बनाना, मास्क पहनने के साथ ही लोगों को वैक्सीनेशन कराना शामिल है। साथ ही, सरकार को संक्रमण रोकने के प्रयास में टेस्टिंग, संक्रमित को आइसोलेट कर इलाज के इंतजाम करना चाहिए।
  • मध्यप्रदेश में कोरोना के 26 जुलाई को 6 नए मामले सामने आए। इसके बाद अचानक संक्रमण की रफ्तार बढ़ी 27 से 7 अगस्त तक नए मामले क्रमश: 11, 11, 18, 10, 22, 17, 17, 18, 28, 11, 18 आए हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि भले ही केस कम हैं, लेकिन इसमें संक्रमण की जद में आने वाले जिलों की संख्या ज्यादा है।
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