विदेश

पाकिस्तान ने फिर मरी पलटी, मुकर गया अपनी बात से


इस्लामाबाद । पाकिस्‍तान सरकार की ओर से पाकिस्तान की अदालत में कहा गया है कि भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी भारतीय वकील को अनुमति देना कानूनी रूप से संभव नहीं है. दरअसल, पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के सेवा निवृत्त अफसर कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस नहीं देने का एक नया बहाना ढूंढ लिया है। उसका कहना है कि भारतीय कैदी जाधव का प्रतिनिधित्व भारत का एक वकील करे, यह कानूनी तौर पर संभव नहीं है।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफीज चौधरी से साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में इस संबंध में भारत द्वारा की गई मांग के बारे में सवाल किया गया था. उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी भारतीय वकील को अनुमति देने की असंगत मांग कर रहा है. हमने बार-बार उन्हें कहा है कि केवल वे वकील ही अदालत में जाधव का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, जिनके पास पाकिस्तान में वकालत करने का लाइसेंस है.

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारतीय उच्चतम न्यायालय ने अपने एक निर्णय में कहा है कि देश के अंदर विदेशी वकील वकालत नहीं कर सकते. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव (50) को “जासूसी और आतंकवाद” के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी.

बता दें कि भारत की ओर से पाकिस्तान से मांग की गई थी कि जाधव की मौत की सजा के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर की जाए, इसके लिए भारत ने एक भारतीय वकील को नियुक्त किए जाने की बात कही है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इससे पहले कहा था कि भारत ICJ के फैसले के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई की मांग करेगा.

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