नई दिल्ली। नवंबर के अंत में शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र(winter session of parliament) में उत्तर प्रदेश से जुड़ा लखीमपुर खीरी(Lakhimpur Khiri) कांड छाया रहेगा। विपक्ष (Opposition) खासतौर पर इस मामले में सरकार को घेरने की रणनीति (strategy to corner the government) बना रहा है। इसके अलावा राफेल सौदे(Rafale deal) में हुए नए खुलासे, महंगाई (Inflation) जैसे मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच सियासी जंग होगी। सत्र से पहले सरकार पर हमला बोलने के लिए कांग्रेस (Congress)और टीएमसी (TMC) विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम छेड़ेगी।
संसद का शीत सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ ही माह बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा समेत पांच राज्यों में अहम विधानसभा चुनाव हैं। इस मामले में अभी से भाजपा और विपक्ष के बीच जुबानी जंग चरम पर है। मुंबई क्रूज ड्रग्स पार्टी और इस मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद भाजपा और एनसीपी आमने-सामने हैं।
विपक्ष का मुख्य एजेंडा किसान आंदोलन
सत्र के दौरान विपक्ष का मुख्य एजेंडा कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन रहेगा। लखीमपुर खीरी में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और समर्थकों द्वारा आंदोलनरत किसानों पर कार चढ़ाने की कथित घटना के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। विपक्ष इसे सरकार को घेरने के लिए सुनहरा मौका मान रहा है।
विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश
सत्र से पहले कांग्रेस और टीएमसी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश करेगी। टीएमसी सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी सत्र शुरू होने से एक हफ्ता पहले विपक्षी नेताओं से संपर्क करेंगी। कांग्रेस भी ऐसा प्रयास करेगी। कांग्रेस की कोशिश राफेल मामले में सरकार पर हमला बोलने की है। भाजपा का कहना है कि कमीशन यूपीए सरकार के समय दिया गया, वहीं कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने इसकी जांच क्यों नहीं कराई।