नई दिल्ली। लक्ष्मी नगर से पिछले महीने गिरफ्तार कथित आतंकी मोहम्मद अशरफ (terrorist Mohammad Ashraf) का ब्रेन मैपिंग टेस्ट(brain mapping test) करवाया जाएगा। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल को इसकी अनुमति मिल गई है। दूसरी तरफ आतंकी मोहम्मद अशरफ (terrorist Mohammad Ashraf) ने बताया है कि उसने हाईकोर्ट(Highcourt) के अलावा तीस हजारी कोर्ट(Tis Hazari Court), दिल्ली कैंट एरिया(Delhi Cantt Area), इंडिया गेट(India Gate) व पूरे राजपथ (Rajpath) की रेकी थी।
दिल्ली पुलिस(Delhi Police) की स्पेशल सेल ने आतंकी मोहम्मद अशरफ (terrorist Mohammad Ashraf) का रिमांड खत्म होने के बाद सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत(14 days judicial custody) में भेज दिया है। आतंकी मोहम्मद अशरफ (terrorist Mohammad Ashraf) का सीबीआई की सीएफएसएल में पॉलीग्राफी टेस्ट, गुजरात में नारको टेस्ट हो चुका है। नारको टेस्ट की रिपोर्ट तीन से चार दिन में आने की संभावना है। आतंकी ने ये जरूर बताया कि वह आईएसआई का स्लीपर सेल है और भारत में काफी आतंकी वारदात व स्लीपर सेल की भूमिका रहा था।
मगर आतंकी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है और न ही वह पूछताछ में कुछ बता रहा है। स्पेशल सेल के अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में सहयोग नहीं करने के कारण मो. अशरफ का ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाया जाएगा। पटियाला कोर्ट ने सोमवार को टेस्ट कराने की अनुमति दे दी है। स्पेशल सेल रोहिणी स्थित एफएसएल से टेस्ट की तारीख लेगी और उसे बाद आतंकी को तिहाड़ जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाया जाएगा।
बम धमाका करने की साजिश टाल दी थी
मो. अशरफ ने पूछताछ में बताया कि उसे पाकिस्तान आईएसआई ने आदेश दिए थे कि वह दिल्ली में खास जगहों की रैकी करें। उसने हाईकोर्ट के साथ-साथ तीस हजारी कोर्ट, इंडिया गेट, पूरे राजपथ व दिल्ली कैंट इलाके की रैकी थी। इंडिया गेट, राजपथ व तीस हजारी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण ये रैकी नहीं कर पाए थे। मो. अशरफ दिल्ली कैंट इलाके में गया था, मगर उसे वहां खुले रोड नहीं मिले। इस कारण वहां बम धमाका करने की साजिश टाल दी थी।
बैंक खाते में आते थे हर महीने 15 हजार से ज्यादा
आतंकी मोहम्मद अशरफ का तुर्कमान गेट स्थित सेंट्रल बैंक में खाता है। दिल्ली पुलिस को पांच में पता लगा है कि अशरफ के बैंक खाते में हर महीने 15 से 16 हजार रुपये जमा करवाए जाते थे। उसके बैंक खाते में पैसे फैजान, कुंजल आदि नामों से जमा करवाए जाते थे। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि फैजान व कुंजल किसी व्यक्ति के नाम है या और किसी संस्था के नाम हैं और ये लोग मो. अशरफ के बैंक खाते में पैसे क्यों जमा कराते थे।