जम्मू: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. इस बीच दलबदल का दौर भी शुरू हो गया है. नेता गण भी मजबूत कड़ी को देखते हुए नए पुराने पार्टी में खिसक रहे हैं. जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पार्टी में नए सदस्यों के शामिल होने से लोगों की आवाज मजबूत होगी.
महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जम्मू-कश्मीर पिछले पांच सालों से मुश्किल दौर से गुजर रहा है. यहां के लोगों में डर है लेकिन हालात ऐसे हैं कि कोई इसे जाहिर नहीं करता. उन्होंने कहा कि ऐसे में नए लोग हमारे साथ जुड़ते हैं तो पार्टी मजबूत होती है. और बदले में जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज मजबूत होती है.
महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी में कुछ दिन पहले हक खान शामिल हुए हैं. हक खान पहले भी पीडीपी में थे. वह 2008 और 2014 में पीडीपी के टिकट पर कुपवाड़ा जिले के लोलाब से विधायक भी रह चुके हैं. वह जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन के तहत मंत्री भी रह चुके हैं.
वहीं, पुलवामा जिले के त्राल से पूर्व मंत्री अली मोहम्मद नाइक और उनके बेटे रफीक अहमद नाइक भी हाल ही में पीडीपी में शामिल हुए थे. पार्टी में कई नए चेहरों को शामिल किए जाने से कुछ पुराने और वरिष्ठ नेताओं ने महबूबा का हाथ छोड़ दिया है. रफीक अहमद नाइक को पीडीपी में शामिल किए जाने के बाद हरबख्श सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
पीडीपी में नए नेताओं को शामिल किए जाने और उन्हें ज्यादा महत्व दिए जाने से नाराज दो पुराने नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी और दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल से डीडीसी सदस्य हरबख्श सिंह ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. हरबख्श सिंह ने कहा कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, हरबख्श सिंह त्राल सीट पर लिए गए पार्टी के फैसले से नाराज थे. और त्राल से पूर्व मंत्री के बेटे को पार्टी में शामिल करना अहम कारण है. वहीं, पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने भी मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पीडीपी पर आरोप लगाया कि पार्टी के साथ खड़े रहने वालों को दरकिनार किया जा रहा है.
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