बड़ी खबर

जोशीमठ में मकान टूटने से निकल पड़े लोगों के आंसू, CM ने की प्रभावितों से मुलाकात

जोशीमठ (Joshimath) । उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) के जोशीमठ की इमारतों के ढहाने को को लेकर (Over the Demolition of Joshimath’s Buildings) स्थानीय लोगों में आक्रोश है (Resentment Among the Local People) । जोशीमठ के मल्हारी होटल के मालिक (Owner of Joshimath’s Malhari Hotel) सरकार के फैसले के विरोध में (Against the Government’s Decision) अपने परिजनों के साथ (With Their Family Members) धरने पर बैठ गए हैं (Have Sat on Strike) ।

बता दें कि उत्‍तरांखड के जोशीमठ में भू धंसाव के कारण दरारें आने और एक-दूसरे पर झुक जाने के कारण घर, होटल मालिकों और स्थानीय लोगों के विरोध के बीच होटल ध्वस्त किए जा रहे हैं। साथ ही 773 घरों को भी खाली करा दिया गया है। प्रशासन द्वारा इन घरों को गिराने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। इस दौरान यहां के रहवासियों के अपने घरों को देखकर आंसू निकल रहे हैं।



जानकारी के लिए बता दें कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (Indian Institute of Remote Sensing) द्वारा दो साल के एक अध्ययन (Research) में पाया गया है कि जोशीमठ (Joshimath) और इसके आसपास के इलाकों में प्रति वर्ष 6.5 सेमी या 2.5 इंच की दर से जमीन धंस (2.5 inches of land is sinking every year) रही है।

नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन इन होटल मालिकों के समर्थन में आया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने नैनीताल के जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर प्रभावित होटलों व घरों का मानवीय आधार पर तथा नाप एवं बाजार मूल्य के आधार पर आंकलन कर मुआवजा देने, उन्हें चार धाम यात्रा मार्ग पर होटल निर्माण के लिए निःशुल्क भूमि देने एवं होटल कर्मियों को एक वर्ष का वेतन देने की मांग की है।

ज्ञापन में बिष्ट ने कहा है कि जोशीमठ की अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से पर्यटन पर ही निर्भर थी। यहां देश-विदेश से पर्यटकों का आवागमन रहता था व इससे हजारों परिवारों की रोजी-रोटी चलती थी एवं सरकार को भी करोड़ों रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती थी। इस त्रासदी से इस नगर के हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है, वह बेरोजगार एवं बेघर हो गए है। यह भी आग्रह किया है कि जिन होटलों को नुकसान हुआ है और तोड़ा जाना है, उन होटल व्यवसायियों को चारधाम मार्ग पर होटल निर्माण को निःशुल्क जमीन उपलब्ध करवाया जाए, जिससे वह दुबारा अपने कारोबार को शुरू कर सकें।

इस तरह रोजगार भी उपलब्ध हो सकेंगे और पलायन भी रोका जा सकेगा। इसके अलावा इन होटलों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को सरकार की ओर से एक वर्ष का वेतन देने की मांग भी की गई है।

CM ने की प्रभावितों से मुलाकात

मुख्यमंत्री बुधवार को देर सायं को जोशीमठ पहुंचे। यहां उन्होंने मारवाड़ी में भू जल रिसाव को देखा और प्रभावितों से मिले। पहले दिन से रिसाव घटने पर संतोष जताते हुए उन्होंने कहा कि भगवान बद्रीनाथ और भगवान नरसिंह के आशीर्वाद से सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है कि पूरा उत्तराखंड खतरे में है, यह ठीक नहीं है। जोशीमठ में मकानों को नही तोड़ा जा रहा है। सिर्फ दो होटल जो असुरक्षित महसूस हो रहे हैं उनको गिराने किए जाने पर जिला प्रशासन और होटल स्वामियों की वार्ता के बाद ही निर्णय होगा।

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि न केवल उत्तराखंड सरकार बल्कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी प्रतिदिन अपडेट ले रहे हैं। राहत व बचाव कार्य में पूरी सरकार जुटी है। मुख्यमंत्री ने भू धंसाव प्रभावितों से भी भेंट कर मदद का पूरा भरोसा दिया।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियालनिशंक ने बुधवार को जोशीमठ पहुंचकर भू धंसाव प्रभावित अनेक क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों को हर संभव सहायता का भरोसा दिया।

टिहरी बांध की झील के किनारे बसे प्रभावित गांवों का सर्वेक्षण

दूसरी ओर जोशीमठ की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए टिहरी विधायक ने भी टिहरी बांध की झील के किनारे बसे प्रभावित गांवों का सर्वेक्षण करने को कहा है। उन्होंने कहा कि बांध की झील की वजह से आसपास के कई गांवों के भवनों में दरारें पड़ी है, जिसके कारण लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं।

Share:

Next Post

ऐसा होगा चार साल बाद अग्निवीरों का करियर, जानिए पूरा प्‍लान

Thu Jan 12 , 2023
नई दिल्‍ली । देशभर में अग्निपथ स्कीम (Agnipath) के तहत भारतीय सेना (Indian Army) में भर्ती होने वाले अग्निवीरों (Agniveer) में एक-चौथाई किस आधार पर रिटेन किए जाएंगे? इसके पैमाने सेना ने तय कर दिए हैं। एक-एक अग्निवीर को उनके चार साल की सेवा दौरान लगातार परखा जाएगा। दूसरी ओर अग्निपथ स्कीम (Agnipath) के पहले […]