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ऐसा होगा चार साल बाद अग्निवीरों का करियर, जानिए पूरा प्‍लान

नई दिल्‍ली । देशभर में अग्निपथ स्कीम (Agnipath) के तहत भारतीय सेना (Indian Army) में भर्ती होने वाले अग्निवीरों (Agniveer) में एक-चौथाई किस आधार पर रिटेन किए जाएंगे? इसके पैमाने सेना ने तय कर दिए हैं। एक-एक अग्निवीर को उनके चार साल की सेवा दौरान लगातार परखा जाएगा। दूसरी ओर अग्निपथ स्कीम (Agnipath) के पहले बैच की ट्रेनिंग एक जनवरी से शुरू हो चुकी है और दूसरा बैच एक मार्च से आएगा।

इस बीच अग्निवीरों (Agniveer) के दूसरे करियर के लिए भी सेना ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। इसके तहत चार साल के बाद प्रत्येक अग्निवीर को आईटीआई के समकक्ष एक कौशल प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। कोई भी अग्निवीर ऐसा नहीं होगा जिसके पास सेना के दौरान हासिल किया हुआ कौशल प्रमाण नहीं हो। सेना की इस तैयारी से वे अटकलें खारिज होंगी जिनमें यह कहा जा रहा था कि सेवानिवृत्ति के बाद अग्निवीरों के लिए निजी सुरक्षा एजेंसियों में ही कार्य करने का एकमात्र विकल्प होगा।

जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना को लेकर युवा सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि 4 साल बाद अग्निवीरों का क्या होगा? इस सवाल का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक एक्शन में है। 4 साल तक देश सेवा करने के बाद अग्निवीरों नौकरी देने के लिए सरकारों ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं।



इस संबंध में सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अग्निवीरों को सात सप्ताह का कार्य प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण उन्हें आवंटित कार्य पर निर्भर करेगा। यह आगे भी उनके करियर में भी काम आएगा। यदि किसी अग्निवीर की शिक्षा 12वीं तक पूरी नहीं है तो एनआईओएस के जरिये पूरा करने का मौका भी मिलेगा, हालांकि, चार साल की सेवा के दौरान अग्निवीरों को एक लघुकालिक कौशल प्रमाणपत्र जो छह महीने के पेशेवर प्रशिक्षण के समकक्ष होगा और एक दीर्घकालिक कौशल प्रमाण पत्र जो आईटीआई के समकक्ष यानी करीब दो साल के पेशेवर प्रशिक्षण के बराबर होगा, प्रदान किया जाएगा। ये प्रमाण पत्र नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के मानकों के अनुरूप होगा।

अग्निवीरों में से 25 फीसदी के नियमित सैनिक बनने के आसार होंगे। शेष 75 फीसदी कौशल प्रमाण पत्र लेकर निकलेंगे, लेकिन इसके अलावा उनके लिए कई और विकल्प भी होंगे। जैसे गृह, रेलवे, रक्षा, इस्पात, नागरिक उड्डयन, पोत, शिपिंग की विभिन्न रिक्तियों में उनके लिए 10 फीसदी तक पद आरक्षित होंगे। इसके अलावा यदि कोई अग्निवीर अपना रोजगार करना चाहेगा तो मध्यम और लघु उद्योग मंत्रालय उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करेगा व मुद्रा योजना के तहत बैंक उन्हें कम ब्याज पर ऋण प्रदान करेंगे। यही तैयारियां वायुसेना और नौसेना में भी अग्निवीरों के दूसरे करियर के लिए आरंभ की जाएंगे।

जानकारी के लिए बता दें कि अब तक सेना में 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती हो चुकी है। वायुसेना और नौसेना में करीब आठ हजार अग्निवीर भर्ती किए गए हैं और उनका प्रशिक्षण आरंभ हो चुका है। सेना ने यह भी तय किया है कि अगले साल से मई और नवंबर में दो बार अग्निवीरों को सेना में शामिल किया जाएगा। भर्ती रैली से पूर्व अग्निवीरों को एक आनलाइन टेस्ट पास करना होगा। सेना ने अग्निवीरों के रिकॉर्ड रखने के लिए एक अलग से शाखा सेंट्रलाइज्ड अग्निवीर मैनेजमेंट ऑफिस (सीएएमओ) तैयार किया है।

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