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महाराष्ट्र में सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल, वैट घटाएगी सरकार, CM शिंदे का ऐलान

मुंबई। महाराष्ट्र(Maharashtra) के नए मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले बड़े लोकलुभावन कदम में एकनाथ शिंदे ने पेट्रोल और डीजल (petrol and diesel) की कीमतों को कम करने का फैसला लिया है। फ्लोर टेस्ट में पास होने के तुरंत बाद सीएम शिंदे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र ईंधन (Maharashtra Fuel) पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम करेगा, जिससे राज्य में कीमतों में बड़ी कमी आएगी। नई सरकार के इस कदम से महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम होंगी। भाजपा शासित अधिकांश राज्यों ने जहां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की है, वहीं विपक्ष शासित राज्य ऐसा करने को तैयार नहीं हैं।

पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार (Central government) ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 5 और 10 रुपये की कटौती की थी। इसके बाद ज्यादातर बीजेपी शासित राज्यों ने भी वैट में कटौती की थी। मई में फिर से केंद्र ने उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा की थी। इस दौरान भी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने वैट को और कम कर दिया जिससे वहां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई।

हालांकि, विपक्ष शासित राज्यों ने ऐसा नहीं किया। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष शासित राज्यों से लोगों को राहत देने के वास्ते ईंधन पर वैट में कटौती का सुझाव दिया था। इन राज्यों ने पहले भी यह कहते हुए मना कर दिया था कि इससे उनके राजस्व पर भारी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।



इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के आखिरी दिन शक्ति परीक्षण पास करने वाले सीएम शिंदे ने कहा कि उन्हें लंबे समय तक दबाया गया था। शिंदे ने सोमवार को कहा कि उन्हें लंबे समय तक दबाया गया था और उनके नेतृत्व में विद्रोह उनके साथ किए गए अनुचित व्यवहार का नतीजा था। शिंदे ने विधानसभा में उनके नेतृत्व वाली नवगठित सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद अपने भाषण में कहा, “आज की घटनाएं सिर्फ एक दिन में नहीं हुईं।”

पिछले महीने शिवसेना विधायकों के एक गुट के साथ शुरू हुई शिंदे की बगावत उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के पतन के रूप में खत्म हुई। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उनके साथ देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

उन्होंने कहा, “जब मैं यहां चुनाव के लिए आया था, तो इस सदन में ऐसे लोग हैं, जिन्होंने देखा कि मेरे साथ कैसा व्यवहार किया गया। मुझे लंबे समय तक दबाया गया। सुनील प्रभु (उद्धव ठाकरे गुट से शिवसेना विधायक) भी गवाह हैं।” पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का हवाला देते हुए, शिंदे ने कहा कि राकांपा के वरिष्ठ नेता ने उन्हें बताया था कि तीन दलों वाले महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गठन के बाद शिवसेना में एक “दुर्घटना” हुई है। एमवीए सरकार नवंबर 2019 में सत्ता में आई थी।

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