- देशद्रोही प्रचारकों को मिलता था 10 से 40 हजार तक का वेतन
भोपाल। एनआईए और ईडी ने कल मध्यप्रदेश के भी कई शहरों में पीएफआई के दफ्तरों पर छापामारी की, जिसमें खुलासा हुआ कि मध्यप्रदेश के 25 जिलों में पीएफआई का नेटवर्क फैला हुआ है, जबकि इंदौर, खंडवा, उज्जैन, शिवपुरी, बुरहानपुर सहित 5 जिले पीएफआई के हॉट स्पॉट हैं और यहीं से पूरे मध्यप्रदेश में देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है।
छापे में गिरफ्तार पीएफआई के 4 लीडरों के खातों की भी जानकारी एकत्रित की जा रही है। बताया जाता है कि इनके खातों में विदेशों से फंडिंग की जाती थी और वे यहां के प्रचारकों को प्रतिमाह 10 हजार से 40 हजार तक वेतन देते थे, जिनका काम युवाओं को बरगलाना, हिंदुत्व के खिलाफ लोगों को उकसाना तथा इंटरनेट व अन्य सोशल मीडिया पर प्रचार सामग्री के लिए इन पैसों का इस्तेमाल होता था।
माना जा रहा है कि पिछले 8 माह में मध्यप्रदेश में पीएफआई प्रचारकों ने 600 से ज्यादा युवाओं को अपने संगठन से जोड़ लिया था। जांच में इनके आतंकी कनेक्शन की बात भी सामने आई है। मध्यप्रदेश में यह संगठन पहले सिमी के नाम से काम कर रहा था, जिसे प्रतिबंधित कर दिया गया था।
एमपी एटीसी करेगी जांच
एनआईए और ईडी के छापे के बाद पूरे मामले को मध्यप्रदेश एटीसी को सौंपा जाएगा। एटीसी जल्द ही हिरासत में लिए गए पीएफआई के चारों संदिग्ध लीडरों के बैंक खातों की जांच करेगी और यह पता लगाया जाएगा कि इनके खातों में पैसा कहां से आया और किसने फंडिंग की है।