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WTO के मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में बोले पीयूष गोयल, “किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा हिंदुस्तान”

नई दिल्‍ली । G33 Ministerial Meeting: जिनेवा (Geneva) में भारत (India) ने रविवार को कड़ा रुख दिखाया। 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (12th Ministerial Conference) के दौरान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति (rising food inflation) और विकासशील देशों द्वारा खाद्य भंडार पर समझौते की आवश्यकता पर बात की। इस दौरान गोयल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा।

“पृथ्वी पर कोई शक्ति नहीं जो भारत पर दाबाव डाले”

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा, “पृथ्वी पर कोई शक्ति नहीं है जो आज के भारत पर दबाव डाल सके। आज के ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर कोई दबाव नहीं डाल सकता। हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। हम दबाव में कोई निर्णय नहीं लेते हैं। “


गोयल ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक नोगोजी ओकोंजो-इवेला, संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि, कैथरीन ताई और दक्षिण अफ्रीका के व्यापार मंत्री इब्राहिम पटेल के साथ जिनेवा में हुई बैठक में चर्चा की और खाद्य भंडार, मत्स्य पालन, कृषि और टीकों पर भारत के दृष्टिकोण को सामने रखा।

डब्ल्यूटीओ में भारत ने किया आह्वान
भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में निष्पक्ष, संतुलित और विकास-केंद्रित नतीजा पाने के लिए विकासशील देशों के समूह जी-33 से मिलकर काम करने और समान विचारधारा वाले अन्य देशों तक पहुंचने का रविवार को आह्वान किया। भारत ने सार्वजनिक भंडारण और विशेष सुरक्षा उपाय के लिए स्थायी समाधान तलाशने पर भी बल दिया।

डब्ल्यूटीओ के मंत्री-स्तरीय सम्मेलन में शिरकत करने यहां पहुंचे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जी-33 विकसित देशों द्वारा अपने किसानों को दी जाने वाली भारी सब्सिडी के कारण कीमतों में गिरावट आने और आयात बढ़ने जैसे मसले को लंबे समय से उठाता रहा है। विकासशील देश चाहते हैं कि इस प्रवृत्ति के अस्थिरकारी दुष्प्रभावों से निपटने के लिए एक कारगर विशेष रक्षोपाय व्यवस्था (एसएसएम) बनाई जाए।

गोयल ने कहा, “हम सभी को इस समूह की एकता बनाए रखने और मजबूत करने के लिए सामूहिक रूप से काम करना चाहिए। यह समूह समान विचारधारा वाले देशों तक पहुंचकर निष्पक्ष, संतुलित और विकास-केंद्रित परिणाम के लिए उनके समर्थन को सुनिश्चित करे। इसमें सार्वजनिक भंडारण और एसएसएम का स्थायी समाधान भी शामिल होना चाहिए।”

“विकसित देशों के पक्ष में और विकासशील देशों के खिलाफ नियम”
गोयल ने 12वें मंत्री-स्तरीय सम्मेलन से इतर जी-33 मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए विकासशील देशों से मिलकर काम करने की अपील की। भारत एसएसएम के लिए जोर दे रहा है, जिसका उद्देश्य गरीब और सीमांत किसानों को आयात में किसी भी उछाल या कीमतों में भारी गिरावट से बचाना है। केंद्रीय मंत्री ने डब्ल्यूटीओ के कृषि संबंधी समझौते पर कहा कि आज दुनिया के विभिन्न हिस्सों में घटित हो रही घटनाओं से स्पष्ट है कि इसके नियम विकसित देशों के पक्ष में और विकासशील देशों के खिलाफ हैं।

गोयल ने कहा, “कृषि सुधार के पहले चरण के रूप में एक नियम-आधारित निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहासिक विषमताओं और असंतुलनों को ठीक करना जरूरी है। जी33 समूह में 47 विकासशील और अल्प-विकसित देश शामिल हैं।

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