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पीएम केयर्स फंड को लेकर कांग्रेस फिर हमलावर, प्रधानमंत्री से पूछे 10 सवाल

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के दौरान संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’ (पीएम केयर्स फंड) को लेकर कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को सिलसिलेवार तरीके से ट्वीट कर पीएम केयर फंड को मिले डोनेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और अपने दस सवालों के जवाब मांगे हैं।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर पीएम केयर्स फंड को मिले विदेशी दान पर सवाल उठाया। उन्होंने एक आरटीआई का हवाला देते हुए कहा कि कई दूतावासों और उच्चायोगों ने बताया है कि उन्होंने पीएम केयर्स के लिए अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया में प्रचार किया। इस तरह पीएम केयर को चीन, पाकिस्तान और कतर जैसे देशों से भी दान मिला। भारतीय दूतावास के जरिए आए डोनेशन की रसीदों को लेकर सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उनके सवालों के जवाब दें और देश की जनता को आश्वस्त करें।

कांग्रेस नेता ने पूछा कि भारतीय दूतावासों ने पीएम केयर्स फंड के लिए प्रचार और दान क्यों लिया? प्रतिबंधित चीनी एप्स पर फंड का विज्ञापन क्यों किया गया? पाकिस्तान से कितना पैसा आया और किसने दिया? कतर से किन दो कंपनियों ने पीएम केयर्स फंड में दान दिया है और कितने करोड़ रुपये प्राप्त हुए? 27 देशों से कितने हजार करोड़ रुपये पीएम केयर्स फंड में आए? क्या दान करने और फिर से अपनी फैक्ट्री शुरू करने के बीच ‘एनआईएसएसईआई एएसबी’ (NISSEI ASB) के साथ कोई संबंध था? आखिर 27 भारतीय दूतावासों ने सार्वजनिक मंच की जगह क्लोज्ड चैनल के जरिए इसका प्रचार क्यों किया, जबकि आरटीआई के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है? सरकार की ओर से फंड को ‘एफसीआरए’ की समीक्षा से बाहर क्यों रखा गया है? पीएम केयर्स फंड सार्वजनिक प्राधिकरण क्यों नहीं है? फंड को कैग और भारत सरकार द्वारा क्यों ऑडिट नहीं किया जा सकता? या फिर विदेशी दान पर रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि ऐसे और भी कई सवाल हैं जिनके जवाब देशवासियों को मिलने ही चाहिए।

दरअसल, जब पीएम केयर फंड की शुरुआत हुई थी तब भी विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे। उनका कहना था कि जब पहले से ‘प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष’ अस्तित्व में है, तो नया नए निजी ट्रस्ट की क्या जरूरत है। साथ ही पूछा गया था कि इसमें सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है।

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