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PM इमरान का फैसला, पाक सरकार ने हटवाया TLP से आतंकी ठप्पा

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) ने सरकार विरोधी आंदोलन को समाप्त करने के लिए कट्टर इस्लामवादियों के आगे झुकते हुए चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से बाहर करने की शनिवार को अनुमति दे दी। यह दावा इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्युरिटी ने किया है। फोरम ने रिपोर्ट में बताया कि लंबी बातचीत के बाद 31 अक्तूबर 2021 को सरकार और टीएलपी के बीच सौदे को अंतिम रूप दिया गया।
बता दें कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन रहे तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान (TLP) से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने सौदाबाजी की थी, जो सार्वजनिक नहीं की गई। इस सौदे के तहत टीएलपी को देशभर में प्रदर्शन रोकने के लिए कहा गया, बदले में आतंकी संगठन होने का ठप्पा और प्रतिबंध उस पर से हटाए गए। टीएलपी सरगना साद हुसैन रिज्वी को जेल से रिहा किया गया।
इसके बाद से पाकिस्तान में टीएलपी की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। यह दावा इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्युरिटी ने किया है। फोरम ने रिपोर्ट में बताया कि लंबी बातचीत के बाद 31 अक्तूबर 2021 को सरकार और टीएलपी के बीच सौदे को अंतिम रूप दिया गया। टीएलपी ने आखिरी कहे जा रहे देशव्यापी प्रदर्शन रोक दिए। 7 नवंबर को इमरान खान की कैबिनेट ने टीएलपी से आतंकी संगठन होने का ठप्पा हटाए, प्रतिबंध भी हटाने की घोषणा कर दी।



रिपोर्ट के अनुसार पीएमएल (नवाज) सरकार और पाक सेना के बीच संबंध बिगड़ने के साथ ही टीएलपी मजबूत होने लगी थी। इसे सेना के प्रमुख अधिकारियों का अप्रत्यक्ष समर्थन मिलता रहा। पाकिस्तानी सेना ने हमेशा ऐसे इस्लामी संगठनों को बढ़ावा दिया है जो नवाज सरकार को कमजोर करें। इसी वजह से टीएलपी ने राजनीतिक शक्ति भी बढ़ानी शुरू कर दी।
विदित हो कि टीएलपी का गठन 2015 के प्रदर्शनों के बाद हुआ, जिनमें कट्टर इस्लामी सोच को बढ़ावा दिया गया। फोरम के अनुसार, ईश-निंदा के आरोप में फांसी की सजा पाई आसिया बीबी के समर्थन में बोलने पर पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर कत्ल कर दिए गए थे। उनके बॉडीगार्ड व हत्यारे मुमताज कादिरी को 2016 में फांसी दे दी गई। इस घटना के बाद टीएलपी ने खुद को राजनीति दल के तौर पर पेश करना शुरू कर दिया। उसका दावा है कि एक इशारे पर वह हजारों फिदायीन खड़े कर सकती है। इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार करने के लिए पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) की बैठक सोमवार को होगी। डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, पीडीएम के दो प्रमुख धड़ों जमीयत-उलमा-आई-इस्लाम फजल और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के बीच प्रदर्शन के तरीके पर उभरे मतभेद को दूर करने के लिए यह बैठक बुलाई गई है।

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