नई दिल्ली. अखिल भारतीय चिकित्सीय शिक्षा क्षेत्र (OBC reservation in AIQ medical seats) में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की मांग जारी है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार शाम एक समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को भी तत्काल रूप से आरक्षण के दायरे में लाने की बात कही है. बैठक में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया समेत कई विभागों के सचिव मौजूद थे.
राज्य शासकीय मेडिकल कॉलेजों में यूजी में 15% और पीजी में 50% सीटें ऑल इंडिया कोटा के तहत आती हैं. इनमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण मिलता है, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का प्रावधान नहीं है. खबर है कि समीक्षा बैठक में पीएम ने इच्छा जताई है कि मेडिकल एजुकेशन में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा तय मंत्रालयों की तरफ से कोर्ट के बाहर प्राथमिकता के साथ सुलझाया जाना चाहिए.
पीएम मोदी ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी आरक्षण लागू करने की बात कही है. पीएम ने मंत्रालय के अधिकारियों से अलग-अलग राज्यों में मेडिकल एजुकेशन को लेकर EWS आरक्षण के मौजूदा हालात की समीक्षा करने के लिए भी कहा है. पीएम ने स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वो सभी राज्यों से जानकारी प्राप्त करें कि वहां EWS वर्ग के आरक्षण की योजना की स्थिति क्या है.
भाषा के अनुसार, पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्गों के कई प्रबुद्ध व्यक्तियों और संगठनों ने सोमवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस बार जनगणना में जाति आधारित आंकड़े भी एकत्र किये जाए ताकि विभिन्न क्षेत्रों में सभी पात्र समुदायों को आरक्षण का उचित लाभ मिल सके. इन व्यक्तियों और संगठनों ने ‘सोशल रिवूल्यूशन अलायंस’ (एसआरए) के बैनर तले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा में ओबीसी के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
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