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PM मोदी 13 जनवरी को करेंगे दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज का उद्घाटन, जानिए इसके बारे में सबकुछ

नई दिल्ली: देश की नदियों को ट्रांसपोर्टेशन का जरिया बनाने के अपने ड्रीम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 13 जनवरी को एक नया चरण जोड़ने जा रहे हैं. इस दिन पीएम मोदी दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज (world’s longest river cruise) को हरी झंडी दिखाएंगे. गंगा विलास (Ganga Vilas) नाम के इस रिवर क्रूज को प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हरी झंडी दिखाकर सफर पर रवाना करेंगे. इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) भी मौजूद रहेंगे. इसके बाद यह रिवर क्रूज तकरीबन 50 दिन तक नदियों को पार करता हुआ पूरे भारत के दर्शन अपने यात्रियों को कराएगा. इसे भारतीय टूरिज्म के लिहाज से क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है.

वाराणसी से रवानगी के बाद गंगा विलास क्रूज डिब्रूगढ़) पहुंचने तक करीब 50 दिन में 3,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा. इस दौरान यह क्रूज 27 नदी सिस्टमों से होकर गुजरेगा, जो इससे यात्रा कर रहे टूरिस्ट्स के लिए अनूठा अनुभव साबित होगा. पोर्ट, शिपिंग एंड वाटर मिनिस्टर सर्वानंद सोनोवाल ने इस क्रूज की जानकारी पिछले साल नवंबर में ट्वीट के जरिये सभी के साथ शेयर की थी. अब यह हकीकत का जामा पहनने जा रहा है.

यहा रिवर क्रूज अपने सफर के दौरान केवर भारतीय नदियों में ही नहीं घूमेगा, बल्कि डिब्रूगढ़ जाने के लिए यह पड़ोसी देश बांग्लादेश की नदियों में भी एंट्री करेगा. इससे टूरिस्ट्स को इंडियन कल्चर की जानकारी हासिल करने के साथ ही फॉरेन ट्रिप का भी मौका मिल रहा है. अपने सफर के दौरान यह क्रूज वास्तुकला के हिसाब से 50 बेहद अहम स्थानों के दर्शन कराएगा, जिनमें कुछ वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी शामिल हैं. इतना ही नहीं, यह देश के कुछ सबसे सुंदर नेशनल पार्कों और फॉरेस्ट सेंक्चुरीज से भी गुजरेगा, जिनमें सुंदरबन डेल्टा वन और काजीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल हैं.


यह क्रूज दुनिया के उन 5 स्टार रेटिंग वाले क्रूज के सफर का ही अनुभव देगा, जिन्हें अब तक आप फिल्मों में ही देखकर रोमांचित होते थे. क्रूज पर 50 दिन तक टूरिस्ट्स फिट रहें, इसके लिए जिम बनाया गया है तो स्पा की भी सुविधा है. इतना ही नहीं मनोरंजन के लिए म्यूजिक, कल्चरल फंक्शन, ओपन एयर ऑब्जर्वेशन डेक, पर्सनल बटलर सर्विस जैसी 5 स्टार सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं.

गंगा विलास की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, इस क्रूज पर 80 यात्री सफर कर सकते हैं. इस पर सामान्य कमरों के अलावा 18 सूट्स भी बनाए गए हैं, जिनका आर्किटेक्चर रॉयल स्टाइल में डिजाइन किया गया है. वेबसाइट पर दावा किया गया है कि यूनिक डिजाइन वाले इस क्रूज को फ्यूचरिस्टिक विजन के साथ तैयार किया गया है.

पहले जारी टाइमटेबल के हिसाब से 13 जनवरी को वाराणसी से रवाना होने के बाद 8वें दिन यह क्रूज पटना पहुंचेगा. इस दौरान क्रूज बक्सर, रामनगर और गाजीपुर से गुजरेगा. पटना के बाद यह 20वें दिन फरक्का और मुर्शिदाबाद होते हुए पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचेगा. यहां से अगले दिन क्रूज बांग्लादेश की राजधानी ढाका के लिए रवाना होगा. अगले 15 दिन तक यह बांग्लादेश सीमा में ही रहेगा. वहां से गुवाहाटी के रास्ते यह दोबारा भारतीय सीमा में लौटेगा और फिर शिवसागर होते हुए 50वें दिन अपने फाइनल डेस्टिनेशन यानी डिब्रूगढ़ पर जाकर सफर खत्म करेगा.

इस सफर के दौरान गंगा विलास क्रूज अपने यात्रियों को दुनिया के सबसे पुराने शहर काशी यानी ओल्ड वाराणसी के मशहूर स्थल दिखाएगा. इसके बाद भी वह बंद पड़ी बौद्ध मोनेस्ट्री विक्रमशिला, बांग्लादेश में घोस्ट सिटी के नाम से मशहूर सोनारगांव और 1400 के दशक की साठ गुंबद वाली अलंकृत मस्जिद जैसे ऐतिहासिक व सांस्कृतिक अहमियत वाले स्थान भी इसके सफर में टूरिस्ट्स का आकर्षण रहेंगे.

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