लाहौर। फ्रांस में ईशनिंदा (Blasphemy in France) वाले कुछ प्रकाशनों को लेकर यहां फ्रांसीसी राजदूत (French ambassador) को निष्कासित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक इस्लामवादी पार्टी ( Islamist party) के समर्थकों के साथ पुलिस (Police and Islamists) की झड़प के बाद हिंसा भड़क गई। इससे पहले इस्लामवादी पार्टी के प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद कई जगह प्रदर्शन violence erupted हुए। इस हिंसा में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) Tehreek-e-Labbaik Pakistan द्वारा कम से कम 1 पुलिसकर्मी की हत्या की खबर सामने आई है जबकि इस संगठन का दावा है कि पुलिसकर्मियों की गोली (Policemen shot) से इसके 12 सदस्यों की मौत हो गई।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गुलाम मोहम्मद डोगर ने बताया कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रमुख साद रिजवी को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। रिजवी ने धमकी दी थी कि अगर सरकार पैगंबर मोहम्मद का चित्र प्रकाशित किए जाने को लेकर फ्रांस के राजदूत को निष्कासित नहीं करती है तो प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और सोमवार को हिंसा शुरू हो गई।
करीब 800 से ज्यादा भारतीय सिख टीएलपी द्वारा सड़क जाम करने की वजह से प्रभावित हैं। पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि रावलपिंडी के हसनाबदल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में बैसाखी उत्सव में शामिल होने के लिए आए भारतीय सिखों का जत्था इस विरोध प्रदर्शन की वजह से गुरुद्वारा नहीं पहुंच पाया है।
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