उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

सवारी से पुलिस बैंड गायब…चार आदमी ही बैंड बजाकर कर रहे हैं औपचारिकता

  • हर वर्ष रहता है पुलिस बैंड फिर इस बार क्यों नहीं-प्रोटोकाल के तहत होना चाहिए

उज्जैन। सोमवार को निकली महाकाल की सवारी में पूरा पुलिस बैंड नजर नहीं आया…। हालांकि पुलिस विभाग ने चार पुलिसकर्मियों से बाजे बजवाकर औपचारिकता जरूर पूरी करवा दी लेकिन जिन लोगों ने भी यह देखा उनका यही कहना था कि पुलिस विभाग ने राजाधिराज की शान में गुस्ताखी करने से कोई गुरेज नहीं किया है…।
अभी कार्तिक अगहन माह के दौरान महाकाल की सवारी निकाली जा रही है। बीते सोमवार की शाम भी सवारी निकली लेकिन इसमें पिछले सोमवार की तरह पूरा पुलिस बैंड नहीं था। इसके पीछे कारण यह सामने आया है कि जिस 32 वीं बटालियन का बैंड शामिल होता है, उसके बजाने के साधन अर्थात वाद्य जहां से लाए गए थे वहां दे दिए गए है और ऐसी स्थिति में ऐन वक्त पर सवारी के लिए इंदौर से होमगार्ड के चार जवान बुलाकर बैंड बजवा लिया गया…। जिस तरह से सावन भादो माह के दौरान बाबा महाकाल की सवारी धूमधाम से निकलती है उसी तरह से कार्तिक अगहन माह के अवसर पर निकाली जाने वाली सवारियों की भी धूम शहर में दिखाई देती है और पूरा लाव लश्कर भी इन सवारियों में शामिल रहता है लेकिन कल सोमवार की जो सवारी निकाली गई उसमें पूरा पुलिस बैंड नहीं दिखाई दिया। इसे जिसने भी देखा उसने नाराजगी ही दिखाई वहीं यह भी कहते हुए सुना गया कि यह सब राजा की शान में गुस्ताखी नहीं तो और क्या है।

आज चंद्र ग्रहण, मंदिर का शुद्धिकरण होगा
आज चंद्र ग्रहण है और शाम को ग्रहण समाप्त होने के बाद महाकाल मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा। मंदिर अधिकारियों के अनुसार ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान आदि, मंदिर का शुद्धिकरण होने के उपरांत संध्याकालीन पूजन होगा। श्रृंगार व भोग बनने के बाद संध्या आरती सम्पन्न होगी।

व्यापारी संघ ने कहा- हम पैसा एकत्र कर दे देते है…
इधर गुदरी व्यापारी संघ के पदाधिकारी विकास खंडेलवाल और अन्य प्रमुख सदस्यों ने कहा है कि यदि पुलिस प्रशासन के पास बैंड बजवाने के लिए वाद्य नहीं है तो संघ के सदस्य स्वयं पैसा एकत्र कर प्रशासन को देने के लिए तैयार है ताकि आगामी सवारी में पुलिस का बैंड पूरी तरह से शामिल हो सके। बता दें कि सवारी में पुलिस बैंड के दौरान कम से कम दस से पंद्रह जवान शामिल रहते है लेकिन कल के सोमवार में चार पुलिसकर्मी ही थे।

हमने प्रशासक को जानकारी दे दी थी
इस संबंध में चर्चा करते हुए पुलिस लाइन के आरआई ओमप्रकाश आर्य ने बताया कि बटालियन के बैंड कलाकारों के वाद्य जहां से लाए थे वहां दे दिए गए थे। पुलिस लाइन से भी बैंड उपलब्ध नहीं हो सका था इसलिए इंदौर से जवानों की व्यवस्था की गई। हमने इसकी सूचना पहले ही महाकाल मंदिर प्रशासक को दे दी थी। अगली सवारी के पहले बैंड की व्यवस्था कर दी जाएगी।

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