हर आते-जाते की धरपकड़
इंदौर। शहर में पिछले डेढ़ महीने से कोरोना कफ्र्यू (Corona Curfew) चल रहा था, लेकिन आज जो पुलिस की सख्ती सडक़ पर देखने को मिली वह आज तक नहीं थी। कल मुख्यमंत्री (Chief Minister) की बैठक के बाद शाम को जिला प्रशासन ने सख्त आदेश जारी कर दिए, जिसका असर आज सुबह सडक़ों पर देखने को मिला। पुलिस ने सभी बड़े चौराहा घेर लिए और कुछ रास्तों को बंद कर सख्ती बरतना शुरू कर दी।
सुबह से शहर के चौराहों पर पुलिस का कब्जा है और हर चौराहें को एक तरह से पुलिस छावनी (Police Cantonment) में तब्दील कर सख्ती बरती जा रही है। चौराहों पर पुलिस के जवान बढ़ा दिए गए हैं और प्रशासन के अधिकारियों को भी तैनात कर दिया है। वहीं वरिष्ठ अधिकारियों से कहा गया है कि वे उनके क्षेत्र में लगातार गश्त करते रहे और फालतू घुमने वालों पर कार्रवाई करें। मालवा मिल, राजबाड़ा, मधुमिलन, भंवरकुआ, रीगल तिराहा, पाटनीपुरा, विजयनगर, रिंग रोड के चौराहों पर भारी पुलिस बल के साथ लोगों को रोका गया। इसमें केवल एमरजेंसी मेडिकल के लिए जाने वालों को छूट दी गई थी, वहीं पुलिस ने मीडियाकर्मियों, बैंककर्मियों और फैक्ट्री में काम करने वालों को जाने दिया, लेकिन जो फालतू घूम रहे थे, उन पर कार्रवाई की और उन्हें सीधे अस्थायी जेल (Temporary Jail) भिजवा दिया गया। लोगों ने कई तरह के बहाने भी बनाए। कुछ लोगों ने पुरानी दवा की पर्ची दिखाई और कहा कि वे दवा लेने जा रहे हैं, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उनकी नहीं चली और उन्हें बस में बैठा दिाय गया। कुछ लोग टीका लगवाकर आ रहे थे, उनके मोबाइल में एसएमएस देखे तो ही उन्हें छोड़ा गया। बाकी लोगों को पुलिस ने रोक लिया। कुछ लोग जो गलती से घर से निकल गए थे, उन्हें एक से दो घंटे तक चौराहों पर खड़ा किया गया और बाद में चेतावनी देकर छोड़ दिया। पुलिस अधिकरियों का कहना है कि अब आठ दिनों तक इसी प्रकार की सख्ती लागू रहेगी। चूंकि ना तो अब किराना खरीदने निकलना है और ना ही फल-सब्जी, इसलिए लोग फालतू सडक़ों पर नहीं निकले, नहीं तो उन्हें पुलिसिया कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
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