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अमृतपाल पर गरमाई सियासत, 10 दिन बाद भी FIR नहीं, विपक्ष के निशाने पर मान सरकार

चंडीगढ़: स्वयंभू सिख उपदेशक और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थकों की भीड़ द्वारा तलवारों, बंदूकों और धारदार हथियारों से लैस होकर अमृतसर के अजनाला थाने में हमला करने व अपने साथी लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान सिंह का रिहा करवाने के मामले में पंजाब की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों ने मामले में भगवंत मान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

बीते शुक्रवार को भी शुरू हुए बजट सत्र में घटना को लेकर सभी दल हंगामा करते रहे, लेकिन आज शनिवार को 10 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मामले में FIR दर्ज नहीं हुई है. अमृतपाल और उसके समर्थकों की गिरफ्तारी को लेकर अब पंजाब के विभिन्न संगठन और राजनीतिक दल उसकी गिरफ्तारी पर सवाल उठा रहे हैं.

घटना के बाद 18 पुलिस अधिकारी बदले
घटना के कुछ दिनों बाद पंजाब सरकार ने अमृतसर के पुलिस आयुक्त जसकरन सिंह सहित 18 पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया, लेकिन थाने पर हुई हिंसा में छह पुलिसकर्मियों के घायल होने के बावजूद पुलिस ने अजनाला मामले में अभी तक कोई प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की है. हालांकि पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने कहा है कि वीडियो फुटेज का विश्लेषण करने के बाद पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


जांच जल्द पूरी करने का दावा
लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान सिंह का रिहा करने के बाद हालांकि सरकार के सूत्रों का कहना है कि “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह और छह अन्य के खिलाफ 16 फरवरी को दर्ज कथित अपहरण और हमले के मामले की जांच पूरी होने वाली है. 23 फरवरी को पंजाब पुलिस ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था. जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में एक रिपोर्ट जल्द ही उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी.

क्या है मामला, जहां से शुरू हुआ है विवाद
गौरतलब है कि चमकौर साहिब निवासी वरिंदर सिंह (28) की शिकायत पर अजनाला पुलिस ने 16 फरवरी को अमृतपाल पर आईपीसी की धारा 365 और 379-बी (2) के तहत मामला दर्ज किया था. वरिंदर ने आरोप लगाया था कि 15 फरवरी को अजनाला में दमदमी टकसाल के बाहर से उसका अपहरण कर लिया गया था. उसने आरोप लगाया था कि उसके अपहरणकर्ताओं ने उसे एक एसयूवी में बांधकर जंडियाला के एक ट्यूबवेल में ले गए थे, जहां अमृतपाल और उसके सशस्त्र समर्थकों ने उसकी पिटाई की थी.

वरिंदर का आरोप है कि सोशल मीडिया पर अमृतपाल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद उनका अपहरण कर लिया गया था. 16 फरवरी को पुलिस ने अमृतपाल के अलावा बिक्रमजीत सिंह, पप्पलप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, फौजी रोड और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. पुलिस ने 18 फरवरी को तिबड़ी के लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को गुरदासपुर से गिरफ्तार किया था. 23 फरवरी को अमृतपाल और उनके समर्थकों ने अजनाला थाने में धावा बोल दिया और पुलिस को लवप्रीत को छोड़ने के लिए मजबूर किया था.

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