उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

ठेकेदार और विभाग की मिलीभगत से हो रहा घटिया निर्माण

नलखेड़ा। जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत विकासखंड के समस्त स्कूलों व आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पानी पीने के लिए प्याऊ का निर्माण मप्र शासन के पीएचई विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। अभी तक जितने भी स्थान पर इनका निर्माण हुआ है सभी तय मापदंडों को ताक पर रखकर बेहद घटिया निर्माण हुए हैं जो कि ठेकेदार व विभाग की मिलीभगत का नतीजा है। इसी घटिया निर्माण के चलते ग्राम गुंजारिया में एक मासूम की मौत हो चुकी है। मामले में ठेकेदार व संबंधित इंजीनियर को बचाने के लिए लीपा-पोती के प्रयास चल रहे हैं। तहसील के ग्राम गुंजारिया में शुक्रवार को एक स्कूल में पानी पीने के लिए बनाई गई प्याऊ के गिर जाने से उसमे दबने से एक मासूम की मौत हो गई व तीन मासूम घायल हो गए थे। इस हादसे के बाद निर्माण एजेंसी पीएचई द्वारा सम्बंधित ठेकेदार को मात्र शोकाज नोटिस जारी किया है। अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड के समस्त शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों के साथ ही समस्त आंगनविाडय़ों में बच्चों के पानी पीने के लिए प्याऊ का निर्माण जल जीवन मिशन अंतर्गत पीएचई विभाग द्वारा एक ठेकेदार के माध्यम से लगभग 15-15 हजार रुपये की लागत से करवाया जा रहा है। नलखेड़ा विकासखंड में ऐसे 130 प्याऊ का निर्माण होना है।


इनमें से कई स्थानों पर इनका निर्माण भी हो चुका है। जिन स्थानों पर निर्माण हो चुका है वे स्वयं अपनी गुणवत्ता व घटिया निर्माण की कहानी सुना रहे है। गत लगभग 6 माह से जारी इस कार्य मे विकासखंड में शुक्रवार को हुवे हादसे के पूर्व भी कई स्थानों जैसे पिपल्यासेंत, छालड़ा, लाड़ोन एवं धन्डेड़ा में ये प्याऊ धराशायी हो चुके हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि उक्त स्थानों पर प्याऊ के धराशायी हो जाने के बाद विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदार पर कार्यवाही क्यो नही की गई थी ? यदि उस दौरान विभाग द्वारा ठेकेदार पर कार्यवाही की जाती तो शुक्रवार को गुंजारिया में एक मासूम की मौत नहीं होती। स्पष्ट है कि विकासखंड में उक्त घटिया निर्माण कार्य ठेकेदार व विभाग की मिलीभगत से हुआ है। इसी के चलते मासूम की मौत की जिम्मेदारी तय करते हुवे तत्काल संबंधितों पर कार्यवाही की जाना चाहिए थी लेकिन शनिवार दोपहर तक विभाग द्वारा मात्र ठेकेदार को शोकाज नोटिस देकर कार्यवाही की इतिश्री कर ली गई, क्योंकि शनिवार दोपहर तक पुलिस थाने पर मामले में कोई एफआईआर भी नही हुई थी। जिससे स्पष्ट हो रहा है कि एक मासूम की मौत के बाद भी विभाग अपने इंजीनियर व ठेकेदार को बचाने के लिए लीपा पोती के प्रयास कर रहा है। पीएचई के इंजीनियर कालीचरण अहिरवार जिनकी देखरेख में उक्त कार्य किया गया है के अनुसार ठेकेदार द्वारा अच्छा कार्य किया गया है।गुंजारिया में जो घटना हुई है वह उसमें बच्चों द्वारा प्याऊ में लगे नल अथवा एंगल के खिंचने से हुई है। पीएचई के एक्जीकेटिव इंजीनियर आगर श्री भास्कर के अनुसार घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी जा चुकी है। विकासखंड में निर्माण हुवे सभी प्याऊ का उनके स्वयं के द्वारा निरीक्षण किया जाएगा, जो गुणवत्ताविहीन पाए जाएंगे उनका भुगतान नहीं किया जाएगा। हादसे को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई जाएगी। मासूम की मौत पर आर्थिक सहायता राजस्व विभाग तय करेगा। ठेकेदार को शोकाज नोटिस जारी किया गया है एवं ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही की जा रही है। यदि विभाग के कोई इंजीनियर भी दोषी पाए गए तो उन पर भी कार्यवाही की जाएगी। पीएचई के अधिकारियों के उक्त बयानों से स्पष्ट लग रहा है कि अभी भी वे स्वयं व सबंधित ठेकेदार को क्लीन चिट देने में लगे हुवे है फिर चाहे किसी के घर का चिराग बुझ गया हो या किसी माँ की गोद सुनी हो गई हो।मामले में बड़ागाँव पुलिस चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक माधवसिंह परिहार ने बताया कि गुंजारिया में हुई घटना पर मर्ग कायम कर पुलिस जांच में जुट गई है।

शनिवार को क्षेत्रीय विधायक राणा विक्रमसिंह ग्राम गुंजारिया पहुंचे जहाँ उनके द्वारा शुक्रवार को धराशायी हुई प्याऊ वाले घटना स्थल पर पहुंचकर पीएचई के अधिकारियों, तहसीलदार व चौकी प्रभारी से घटना की जानकारी प्राप्त कर एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए। विधायक द्वारा मृतक मासूम के परिजनों से मिलकर उन्हें ढाँढस बंधाया गया।

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