इंदौर न्यूज़ (Indore News)

गरीब मरीजों को अब भी प्राइवेट हॉस्पिटल से ज्यादा सरकारी अस्पतालों पर भरोसा

आयुष्मान कार्ड वाले गरीब मरीजों ने निजी हॉस्पिटल की बजाय सरकारी अस्पताल में इलाज कराया

1 अप्रैल 2022 से 2023 साल में अभी तक 25 हजार 632 मरीजों ने इलाज कराया

इंदौर, प्रदीप मिश्रा। सरकारी अस्पताल (Govt. Hospital) भले ही अव्यवस्थित प्रबंधन और इलाज में देरी के अलावा निजी सुरक्षा गार्डों की बदतमीजी व दुव्र्यवहार के लिए कितने बदनाम क्यों न हों, मगर आज भी बेहतर इलाज के लिए आम आदमी का भरोसा प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital) से ज्यादा सरकारी अस्पतालों पर कायम है। इस बात का प्रमाण एमवाय अस्पताल में आयुष्मान कार्ड योजना के अंतर्गत इलाज कराने वाले मरीजों के 5 साल के आंकड़े हैं।


आयुष्मान भारत योजना साल 2018 में शुरू हुई थी । इस योजना के अंतर्गत साल 2011 में हुई जनगणना में चिह्नित गरीब परिवारों के इलाज के लिए 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज किया जाता है। इलाज के लिए सरकार ने अकेले इंदौर जिले में 56 निजी अस्पतालों को अनुबंधित कर रखा है । इनमें कई प्राइवेट अस्पतालों में थ्री स्टार से फाइव स्टार स्तर की साफ-सफाई , सुपर मेडिकल प्रबंधन और व्यवस्थाएं हैं। जहां पर देश के नामचीन डॉक्टर के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर की मेडिकल सुविधाएं हैं। इसके बावजूद आम और गरीब आदमी प्राइवेट अस्पतालों के बजाय सरकारी अस्पतालों पर भरोसा करता है। खबर में शामिल आंकड़े भले ही सिर्फ एमवाय अस्पताल के हैं, मगर ऐसे आंकड़े प्रदेश के 15 सरकारी मेडिकल कॉलेज से संबंधित 50 से ज्यादा सभी सरकारी अस्पतालों के हैं , जहां पर आयुष्मान भारत योजना से संबंधित मरीज प्राइवेट अस्पताल के बजाय इन्हीं सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।

एमवाय हॉस्पिटल के 5 साल के आंकड़े

साल इतने कार्ड वाले आए कितनों को लाभ
2019 2573 2305
2020 16 674 11467
2021 14,152 10,481
2023 40189 25,362

साल 2019 से इस साल में अब तक का रिकार्ड

एमवाय हॉस्पिटल आयुष्मान रिकार्ड के अनुसार यह आंकड़े ऊपर दिए गए साल के 1 अप्रैल से 31 मार्च तक यानी वित्तीय वर्ष के हिसाब से हैं। वित्तीय साल 2019 से साल 2023 अगस्त तक 98 हजार 937 आयुष्मान कार्डधारी मरीज भर्ती हुए। इनमें से 67 हजार 179 मरीजों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल पाया । साल 2022 के 1 अप्रैल से 31 मार्च 2023 तक 30 हजार 688 आयुष्मान योजना वाले मरीज भर्ती हुए। इनमें से 19 हजार 706 मरीजों को ही इस योजना का लाभ मिल पाया। इसके अलावा 1 अप्रैल 2023 से अभी तक 9 हजार 901 मरीज भर्ती होने आए। इनमें 5 हजार 656 मरीजों को ही आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिला है।

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