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MP में बिजली संकट गहराय, शिवराज बोले मैं परेशान था, ऊर्जा मंत्री का दावा सब ठीक है

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) में बिजली संकट(Power Crisis) पर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन शिवराज  सरकार (Shivraj Government)  अलग-अलग दावे कर रही है। सीएम शिवराज (CM Shivraj) बांध खाली होने के कारण बिजली (Lightning) उत्पादन न होने का तर्क दे रहे है। इसी बीच प्रदेश के ऊर्जा मंत्री (energy minister)  प्रद्युम्न सिंह कह रहे हैं अब सब ठीक है। दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने आरोप लगाया कि इसके पीछे विपक्ष की साजिश है और सरकार को उसका पर्दाफाश करना चाहिए।


बिजली कटौती के मामले में सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि अपनों से घिरी शिवराज सरकार अब मुश्किल में है। कोयले की कमी और कम बारिश के कारण पावर प्लांटों में बिजली का उत्पादन कम हो रहा है। इस वजह से प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हो गई है। हालत इसे है कि ग्रामीण इलाकों में कई घंटों तक बिजली (Electricity) गुल हो रही है। बिजली आपूर्ति को लेकर बीजेपी के दो विधायक नारायण त्रिपाठी और राकेश गिरी ने पत्र लिखकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इन विधायकों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में 12 से 15 घंटे तक बिजली गुल हो रही है इस वजह से ग्रामीण उपभोक्ता और खेती का काम प्रभावित हो रहा है।

शिवराज ने माना – हां दिक्कत है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) भी मान रहे हैं कि प्रदेश में बिजली का भारी संकट गहराय है। मध्य, मालवा और विंध्य इलाके में बारिश कम होने के कारण बांध खाली पड़े हैं और नर्मदा नदी में पानी नहीं है। इसलिए पानी से बिजली बनना बंद हो गयी है। उन्होंने कहा ‘मैं परेशान था। ये बड़ी समस्या है।” प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी माना कि प्रदेश में बिजली की कमी हुई है, लेकिन इसे जल्द सुधार लिया जाएगा।

ऊर्जा मंत्री का दावा- ऑल इज वेल
इस सबसे अलग प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का दावा है कि प्रदेश में बिजली आपूर्ति सामान्य हो गई है। बीते तीन-चार दिन में बिजली की मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर होने के कारण बिजली व्यवस्था गड़बड़ाई थी, लेकिन अब इसमें सुधार है। ऊर्जा मंत्री के मुताबिक कोयले (Coal) की कुछ कमी जरूर है। कम बारिश के कारण डैम में पानी नहीं होने पर हाइडल पावर प्रोजेक्ट भी बंद हैं। कुछ इकाइयां मेंटेनेंस के कारण बंद की गई हैं जिसका आंकलन नहीं किया गया था कि बिजली की डिमांड इतनी बढ़ जाएगी। पिछले साल की तुलना में अगस्त महीने में 25 से 30 फीसदी ज्यादा बिजली की डिमांड है लेकिन 31 अगस्त को बिजली आपूर्ति सामान्य हो गई है।


विपक्ष से सवाल
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar)  ने बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा विपक्ष बिजली आपूर्ति मामले को लेकर राजनीति करने में लगा है। जबकि यह बताना चाहिए कि 2003 में दिग्विजय सरकार (Digvijay Singh Government) में बिजली के हालात क्या थे। ऊर्जा मंत्री ने बताया सरकार ने बिजली की कमी होने पर महंगी दर पर बिजली नहीं खरीदने का फैसला किया है और अब हालात सामान्य हो गए हैं।

वहीं, पूर्व मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बिजली आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ आने पर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा यदि बिजली आपूर्ति व्यवस्था नहीं सुधरती है और प्रदेश में हो रही अघोषित बिजली कटौती को नहीं रोका जाता है तो कांग्रेस जल्द विरोध प्रदर्शन कर सरकार को घेरेगी।

ये है डिमांड और सप्लाई की स्थिति
प्रदेश में 26 अगस्त को 10,179 मेगा वाट बिजली की आपूर्ति हुई जो बीते साल की तुलना में 18.1 फ़ीसदी ज्यादा थी।
27 अगस्त को 10,313 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हुई जो पिछले साल के मुकाबले 22.9 फीसदी ज्यादा थी।
28 अगस्त को 9,546 मेगावाट बिजली आपूर्ति हुई जो पिछले साल के मुकाबले 23 फीसदी ज्यादा थी।
29 अगस्त को 9479 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हुई जो 27.5 फीसदी ज्यादा थी

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