मध्‍यप्रदेश

नहीं बच सका बोरवेल में गिरा प्रहलाद, सीएम शिवराज ने जताया दुःख


भोपाल। मध्य प्रदेश के निवाड़ी में बुधवार 4 नवंबर को 200 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 5 साल के मासूम को मैराथन रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बचाया नहीं जा सका। तड़के 3 बजे मासूम प्रह्लाद का शव बोरवेल से निकाला गया। हालांकि मासूम को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन से लेकर सेना और एनडीआरएफ ने 90 घंटों तक मैराथन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

बच्चे का शव बाहर निकाले जाने के दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं, यहां तक कि उसे बचाने की कोशिश में जुटे फौलादी इरादों वाले जवानों की आंखें भी गीली हो गई थीं। निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर गांव में बुधवार सुबह करीब 9 बजे अपने ही खेत पर बने बोरवेल के खुले होल से मासूम प्रह्लाद अंदर गिर गया था। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू किया था, लेकिन जब उनसे बात नहीं बनी तो फिर सेना से संपर्क किया गया और दोपहर होते-होते सेना ने बचाव का काम अपने हाथों में ले लिया।

शाम तक एनडीआरएफ की टीम भी हादसे वाली जगह पर पहुंच गई और फिर सभी ने अत्याधुनिक मशीनों के जरिए बचाव कार्य तेज कर दिया था। हालांकि इसके बावजूद बोरवेल से प्रह्लाद को बाहर निकालने में 90 घंटे लग गए और महज कुछ इंच की जगह में 4 दिन तक फंसा रहने के बाद मासूम जिंदगी की जंग हार गया।

बोरवेल से प्रह्लाद के जीवित बाहर ना आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताया है। सीएम ने ट्वीट करते हुए इस पर दुख जताया और परिवार को 5 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ”मुझे अत्यंत दुःख है कि निवाड़ी के सैतपुरा गांव में अपने खेत के बोरवेल में गिरे मासूम प्रहलाद को 90 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बचा नहीं पाए। एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ़, और अन्य विशेषज्ञों की टीम ने दिन-रात मेहनत की लेकिन अंत में आज सुबह 3:00 बजे बेटे का मृत शरीर निकाला गया। दुःख की इस घड़ी में, मैं एवं पूरा प्रदेश प्रह्लाद के परिवार के साथ खड़ा है. और मासूम बेटे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है।”

सीएम ने ऐलान किया कि सरकार द्वारा प्रह्लाद के परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जा रहा है। पीड़ित परिवार के खेत में एक नया बोरवेल भी बनाया जाएगा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘मैं उन सभी से करबद्ध प्रार्थना करता हूं कि जो भी अपने यहां बोरवेल बना रहे हैं, वो बोर को किसी भी समय खुला न छोड़ें। पहले भी ऐसे अकस्मात में बहुत से मासूम अपने जीवन गंवा चुके हैं। आप सब भी कहीं अगर अपने आस-पास बोरवेल बन रहे हों तो उसे मज़बूती से ढंकने का प्रबंध करें और करवायें।’

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