टूटे चेंबर रोज उगल रहे गाद, स्टार्म वाटर लाइन के भी बुरे हाल
इन्दौर। नगर निगम (Municipal council) ने शहरभर में बारिश (rain) से निपटने की तैयारियों के चलते जलजमाव (waterlogging) वाले क्षेत्र तो चिन्हित कर लिए हैं, लेकिन चेंबरों (Chambers) की हालत बुरी है। कई जगह बड़े चेंबर टूटी हालत में पड़े हैं और कई जगह चेंबरों की सफाई के दौरान बड़ी मात्रा में गाद निकल रही है। स्टार्म वाटर लाइन की सफाई का काम भी कई जगह आधा अधूरा पड़ा है।
नगर निगम ने पिछले दिनों ड्रेनेज विभाग और टास्क फोर्स के 800 कर्मचारियों की टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में चेंबर सफाई कार्य के लिए लगाई थीं, लेकिन अधिकांश जगह दिक्कत यह आ रही है कि कई जगह चेंबरों की हालत बदहाल है। कई जगह मुख्य मार्गों पर टूटे पड़े चेंबरों ने सडक़ों का काम कचरा सफाई के दौरान जाता है और इस कारण लाइनें चोक होती हैं। पूर्व में निगम ने कई चेंबरों को सुधारने का काम ठेकदारों की मदद से शुरू कराया था, लेकिन इस बार यह काम विभिन्न कारणों के चलते नहीं शुरू हो पाया, जिसका खामियाजा बारिश में रहवासियों को भुगतना पड़ेगा। नगर निगम के अफसर दावा कर रहे हैं कि बारिश से निपटने की सारी तैयारियां कर ली गई हैं और जलमजाव वाले हिस्से चिन्हित कर लिए गए हैं, लेकिन मैदानी हकीकत कुछ और है। बारिश के दौरान सबसे ज्यादा खराब स्थिति चेंबरों के ओवरफ्लो होने को लेकर होती है और चौराहे से लेकर कई क्षेत्र तालाब बन जाते हैं। डेढ़ लाख से ज्यादा ड्रेनेज चेंबर हैं और कई दिनों से इनकी सफाई का अभियान चलाया गया था, लेकिन अभी तक काम आधा अधूरा ही है और कई जगह ड्रेेनेज चेंबरों से अभी भी लोडिंग वाहन भर-भरकर गाद निकल रही है, जिसे निकालने से लेकर ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचाने तक काफी मशक्कत करना पड़ रही है। निगम के कई अफसर इन दिनों जल संवद्र्धन के कार्यों में जुटे हैं और घर-घर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं, जबकि शहर में जलजमाव होने और उसे निपटने की तैयारिायं सिर्फ कागजों पर तैयार हो रही है। न तो झोनलों पर इंतजाम किए गए है और ना ही संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
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