काबुल । अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के साथ शांति समझौते के लिए परिषद की नियुक्ति कर दी है। फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें अंतर अफगान की परिकल्पना की गई थी। हालांकि इसमें लगातार देरी होती रही, जिस पर वाशिंगटन ने गहरी निराशा जताई थी।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देर रात एक फरमान जारी कर 46 सदस्यीय परिषद का गठन किया। इसका नेतृत्व अब्दुल्ला-अब्दुल्ला करेंगे। बतादें कि अब्दुल्ला-अब्दुल्ला वही शख्स हैं, जिन्होंने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में गनी को चुनौती दी थी। हालांकि बाद में दोनों नेताओं में सुलह हो गई थी और फिलहाल वह सरकार में शामिल हैं। परिषद उस 21 सदस्यीय वार्ता दल से अलग है, जिसे गनी ने अंतर अफगान वार्ता के लिए नियुक्त किया था। इस वार्ता दल के शीघ्र ही कतर जाने की उम्मीद है, जहां पर तालिबान ने राजनीतिक कार्यालय खोल रखा है।
यहां अब खास बात यह है कि परिषद ही यह तय करेगी कि दल तालिबान के साथ किन बिंदुओं पर बातचीत करेगा। परिषद में वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के साथ-साथ नौ महिला प्रतिनिधि भी हैं। गनी ने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई को भी परिषद में नियुक्त किया था, लेकिन उनसे से जुड़े एक व्यक्ति ने यह कहते इसे अस्वीकार कर दिया कि वह किसी सरकारी ढांचे का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। परिषद में पिछली शताब्दी के आठवें दशक में सोवियत संघ के खिलाफ लड़े मुजाहिदीन और जिहादी नेता भी शामिल हैं।
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