चंडीगढ़ । केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसान सबसे ज्यादा मुखर हैं और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. 26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ दर्ज मामलों के खिलाफ कानूनी मदद के लिए पंजाब सरकार (Punjab government)ने 70 वकीलों की एक टीम बनाई है जो किसानों की मदद करेंगे. साथ ही एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh) ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि पंजाब सरकार ने दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज किए गए मामलों के खिलाफ किसानों को त्वरित कानूनी सहायता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली में 70 वकीलों की एक टीम की व्यवस्था की है. मैं व्यक्तिगत रूप से लापता किसानों के मुद्दे को गृह मंत्रालय के साथ उठाऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि ये व्यक्ति सुरक्षित घर पहुंचें. सहायता के लिए 112 पर कॉल करें.
आज सर्वदलीय बैठक
इस बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज मंगलवार (2 फरवरी) को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. मुख्यमंत्री अमरिंदर ने यह बैठक एकजुटता प्रदर्शित करने और विवादास्पद तीनों कृषि कानूनों के संबंध में आगे के रास्ते पर आम सहमति कायम करने के लिए बुलाई है. यह बैठक आज सुबह 11 बजे शुरू होगी.
किसान आंदोलन की वजह से पंजाब में भी हालात तनावपूर्ण हैं. रविवार को जारी किए गए बयान के अनुसार यह बैठक पंजाब भवन में होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय अहंकार में अलग खड़ा होने का नहीं, बल्कि राज्य और अपने लोगों को बचाने के लिए एक साथ आने का है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने 2 फरवरी को सभी पार्टियों की बैठक का आह्वान किया है. इस मीटिंग में किसान आंदोलन की वजह से बने ताजा हालात पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि दो महीने से अधिक समय बीत चुका है. अब भी हमारे किसान दिल्ली की सीमा पर मर रहे हैं. पुलिस उन्हें पीट रही है और गुंडे उन पर हमला कर रहे हैं. साथ ही उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर परेशान किया जा रहा है.
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