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ग्रेसिम की साख को धक्का-शासकीय भूमि पर अतिक्रमण मामले में एक लाख का जुर्माना

उज्जैन/नागदा। देश की जानी-मानी ग्रेसिम कंपनी की साख को एक बड़ा धक्का लगने का मामला सामने आया है। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के मामलें में जिले के नागदा स्थित ग्रेसिम उद्योग पर तहसीलदार खाचरौद न्यायालय ने एक लाख का जुर्माना किया है। मामला शहर से तकरीबन 12 किमी दूर गांव जलवाल में ग्रेसिम के एक तालाब निर्माण में करोड़ों की शासकीय भूमि को अतिक्रमण में लेने का है। बताया जा रहा है कि इस तालाब का निर्माण ग्रेसिम ने वर्ष 2012 में अपने उद्योग में स्टेपल फाईबर का निर्माण करने के लिए किया है।
खाचरौद तहसीलदार शिवकांत पांडे ने शुक्रवार को हिंदुस्थान समाचार एजेंसी संवाददाता नागदा से मोबाइल पर हुई बातचीत में इसकी पुष्टि की है कि गांव जलवाल में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने पर ग्रेसिम उद्योग प्रबंधक पर एक लाख का जुर्माना किया है। ग्रेसिम ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया है।

 

आरटीआई एक्टिविस्ट की शिकायत पर कार्यवाही
यह पूरे मामले भडाफोड़  नागदा निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट अभिषेक चौरसिया की एक लंबी लड़ाई के बाद उजागर हुआ था। अभिषेक इस मामले में लगभग एक वर्ष से लड़ाई लड़ रहे थे। सबसे पहले आरटीआई में तालाब से संबधित दस्तावेज जुटाये, फिर प्रदेश के राजस्व मंत्री तक अपनी बात पहुंचाई। मामला तत्कालीन मंत्री राजस्व मंत्री गोविंदसिंह राजपूत के समक्ष एक शिकायत से शुरू हुआ था। अभिषेक की शिकायत पर तत्कालीन राजस्व मंत्री ने उज्जैन कलेक्टर को उचित कार्यवाही का निर्देश दिया था।

 

कलेक्टर ने मांगा था प्रतिवेदन

मंत्री के निर्देश के बाद उज्जैन कलेक्टर ने 14 जुलाई 2020 खाचरौद एसडीओ राजस्व को पत्र भेजकर इस मामले की जांच का प्रतिवेदन मांगा। एसडीओ राजस्व ने जांच के बाद यह पाया कि करोड़ों की भूमि पर ग्रेसिम ने तालाब निर्माण में कब्जा कर लिया। एसडीओ खाचरौद ने एक प्रतिवेदन अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के नाम 13 अगस्त 2020 को प्रतिवेदन प्रेषित किया। इस प्रकार के सभी अभिलेखों की प्रमाणित प्रति हिस संवाददाता नागदा के पास सुरक्षित है।
कुल 7.900 हैक्टर भूमि पर अतिक्रमण

एसडीओ राजस्व के प्रमाणित एवं संवाददाता के पास सुरक्षित दस्तावेज के अनुसार ग्रेसिम ने कुल 7.900 हैक्टेयर पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है। एसडीओ खाचरौद के प्रतिवेदन का  विस्तृत विवरण इस प्रकार है- सर्वे क्रमांक 156 में 1.65 हैक्टेयर, सर्वे क्रमांक 158 रकबा 2.28 हैक्टेयर, सर्वे क्रमांक 406/ 539 रकबा 1.12 शासकीय नाला, सर्व क्रमांक 159 रकबा 0.84 उमरावसिंह, विक्रमसिंह बालेश्वर कालम नंबर 12 में अहस्तारणीय, सर्वे नंबर 160 रकबा 0.55 उमरावसिंह, विक्रमसिंह बालेश्वर कालम नंबर 12 में अहस्तारणीय सर्वे नंबर 161 रकबा 0.84 उमरावसिंह, व्रिकमसिंह, बालेश्वर कालम नंबर 12 में अहस्तारणीय सर्वे नंबर 420 रकबा 0.60 हैक्टेयर शासकीय नाला तथा सर्व नंबर 422 रकबा 0.02 हैक्टेयर शासकीय गैरमुमकिन भूमि को ग्रेसिम ने अपने आधिपत्य में लिया।

 

तहसील न्यायालय में प्रकरण
उक्त सभी कार्यवाही के बाद तहसीलदार की न्यायालय में प्रकरण दर्ज हुआ था। जिसमें अपनी बात के पक्ष में ग्रेसिम कोई दस्तावेजा प्रस्तुत नहीं कर पाया। आखिरकार तहसीलदार ने जुर्माना किया है।
प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर की मांग
अभिषेक चौरसिया ने हिस संवाददाता से बातचीत में इस मामले में कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि करोड़ों की भूमि हड़पने पर मात्र एक लाख का जुर्माना करने पर अब वे इस निर्णय के खिलाफ अपील करेंगे। अभिषेक का कहना है कि आम आदमी जब अतिक्रमण करता है तो उसे तुरंत हटाकर दोषी के खिलाफ अपराधिक धाराओं में प्रकरण दर्ज किए जाते हैं। लोगों का जेल भी भेजा गया है। इसलिए इस प्रकरण को वे अब इस प्रकार की लड़ाई की राह पर ले जाएंगे। साथ ही वर्ष 2012 में जिन अधिकारियों के कार्यकाल में तालाब का निर्माण हुआ उनकी मिलीभगत से यह खेल हुआ है। इसलिए उक्त वर्ष में खाचरौद में जो भी एसडीओ राजस्व रहे उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाएंगे।

 

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