विदेश

पुतिन ने किया लुहांस्क प्रांत पर कब्जे का ऐलान, जेलेंस्की बोले- वापस लेंगे अपनी एक-एक इंच जमीन

कीव। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने यूक्रेन (Russia Ukraine Crisis) पर हमलों के 131वें दिन सोमवार को टीवी पर सीधे प्रसारण में ऐलान किया कि रूस (Russia) ने पूर्वी यूक्रेन (eastern Ukraine) के लुहांस्क प्रांत (Luhansk province) को जीत लिया है। टीवी पर आकर ऐलान करना रूसी राष्ट्रपति के तौर-तरीकों में शामिल नहीं है। अपने स्वभाव से हटकर ऐसा करने से साफ है कि लुहांस्क को जीतना वाकई रूस के लिए बड़ी बात है।

उधर, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) ने कहा, पश्चिमी देशों से मिले हथियारों की मदद से रूसी सेना के कब्जे से यूक्रेन की एक-एक इंच जमीन को वापस लेंगे। शुरुआत में यूक्रेन को जीतना रूस के लिए चुटकियों का काम लग रहा था। नाटो ने भी कहा था कि रूस कुछ घंटों में पूरे यूक्रेन पर कब्जा कर सकता है। लेकिन, 24 फरवरी को शुरू हुई जंग को चार माह से ज्यादा वक्त हो गया है।


रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव सहित यूक्रेन के ज्यादातर बड़े शहरों तक पहुंच गए थे, लेकिन कहीं भी निर्णायक जीत हासिल नहीं कर पाए। इसके बाद लगातार यूक्रेनी सेना के हमलों से हो रहे नुकसान की वजह से उन्हें पीछे लौटना पड़ा और रणनीति बदलकर छोटे-छोटे हिस्सों पर पूरी ताकत से हमला कर एक-एक शहर पर कब्जा शुरू किया।

दोनबास इलाके में लुहांस्क यूक्रेन का औद्योगिक लिहाज से सबसे उन्नत प्रदेश है, जहां सिवेरेस्की नदी के किनारे बसे सेवेरोदोनेस्क व लिसिचंस्क सबसे बड़े औघोगिक शहर हैं, जिन्हें महीनों तक जूझने के बाद आखिर रूस ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। इससे पहले मैरियूपोल को लेकर भी रूस ने लंबी लड़ाई लड़ी थी। लेकिन, लुहांस्क प्रांत पर कब्जा करने के साथ ही रूस के लिए पश्चिमी यूक्रेन की तरफ बढ़ने का रास्ता खुल गया है, खासतौर पर दोनबास के ही दूसरे प्रांत दोनेस्क को जीतना अब रूसी फौजों के लिए आसान हो जाएगा।

जंग नहीं हारे : यूक्रेनी गवर्नर
लुहांस्क के यूक्रेनी गवर्नर सेरेही गैदाई ने कहा, रूस ने दोनों शहरों तबाह कर दिए हैं। इन शहरों को रूसी कब्जे में देखकर बहुत दुख हो रहा है। लेकिन, यह युद्ध में हार नहीं है। गैदाई ने आशंका जताई कि अब दोनेस्क के स्लोवियांस्क और बाखमत शहर रूसी निशाने पर होंगे।

हथियार नहीं डालेंगे : जेलेंस्की
जेलेंस्की ने लुहांस्क पर रूसी कब्जे को लेकर कहा कि यूक्रेन किसी भी कीमत पर हथियार नहीं डालेगा, क्योंकि ऐसा करने का एक ही मतलब है, दुनिया से यूक्रेन का अस्तित्व खत्म हो जाना, जो यूक्रेनी लोग कभी होने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि स्नैक आइलैंड और काला सागर में यूक्रेनी झंडा लहराना साबित करता है कि यूक्रेन फिर से उठ खड़ा होगा।

हमले बढ़े, स्लोवियांस्क में छह की मौत
रूसी बलों ने पूर्वी यूक्रेन के काफी भीतर तक हमले बढ़ा दिए हैं। लिसिचंस्क से यूक्रेन के पीछे हटते ही रूसी सेना ने यूक्रेन के पूर्वी शहर स्लोवियांस्क पर गोलाबारी बढ़ा दी जिसमें 6 की मौत हो गई। लुहांस्क के गवर्नर सेरही हैदई ने बताया यूक्रेनी बल आत्मसमर्पण की स्थिति से बचने के लिए लिसिचंस्क से निकल आए हैं। उन्होंने कहा, यदि यह बल वहां मौजूद रहता तो रूसी घेराबंदी की आशंका थी, जिसमें काफी नुकसान होता। रूस ने स्लोवियांस्क व क्रमतोरस्क पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है।

समूचे दोनबास पर नजर
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूसी बल अब दोनेस्क पर कब्जा करना शुरू करेंगे। पुतिन की समूचे दोनबास पर कब्जे के लक्ष्य पर निगाह है। वे 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले से पहले ही दोनबास प्रांत को अलग करने के प्रस्ताव मुहर लगा चुके हैं।

यूक्रेन को बख्तरबंद वाहन देगा ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया 34 और बख्तरबंद वाहन यूक्रेन को देगा। साथ ही ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज ने कीव में कहा, रूस से सोने का आयात भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

Share:

Next Post

सेना में पहले ही गोरखा जवानों की कमी, 'अग्निपथ' बढ़ा सकती है उनकी चुनौती

Tue Jul 5 , 2022
नई दिल्ली। सेना की ताकत में इजाफा करने वाले गोरखाओं की भर्ती (Gorkhas Recruitment) हालांकि अग्निपथ योजना (Agneepath scheme) में भी पहले की भांति जारी रखेगी। लेकिन, सेना पर्याप्त गोरखा अग्निवीर जवान (Gorkha Agniveer Jawan) मिलने को लेकर आश्वस्त नहीं है। इसकी वजह यह है कि पुरानी भर्ती प्रक्रिया में भी गोरखाओं की भर्ती में […]