- अभी कुछ और महीने यात्रियों को छोडऩे ट्रेन तक नहीं जा सकेंगे परिजन
इंदौर। शहर में कोरोना मरीजों की संख्या भले ही कम होती जा रही हो, लेकिन रेलवे स्टेशन पर अभी भी यात्रियों को छोडऩे और लेने आने वाले परिजनों पर रेलवे प्रशासन ने रोक लगा रखी है। रेलवे प्रशासन ने पहले की तरह अभी प्लेटफार्म टिकट भी 50 रुपए ही रखा है, लेकिन इसकी बिक्री नहीं की जा रही है। बताया जा रहा है कि मार्च से इन प्रतिबंधों में रेलवे प्रबंधन द्वारा राहत दी जा सकती है और कुछ और नई ट्रेनें शुरू की जा सकती हैं।
24 मार्च से ही इंदौर में ट्रेनों का संचालन बंद कर रखा था और सितम्बर से केन्द्र सरकार तथा रेलवे बोर्ड की गाइडलाइन के साथ-साथ स्थानीय राज्य सरकार के आदेश पर ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया है। इंदौर से 15 से अधिक टे्रनें संचालित की जा रही हैं, लेकिन कई महत्वपूर्ण शहरों की ट्रेनें अभी भी बंद हैं। इसको लेकर बार-बार रेलवे अधिकारियों से आमजन मांग कर रहे हैं कि महू से रतलाम के बीच ट्रेनें शुरू की जाएं, ताकि डेली अपडाउनर्स और आम यात्रियों को राहत मिल सके। रेलवे प्रशासन का कहना है कि अभी जितनी ट्रेनें चलाई जा रही हैं, वे सभी आरक्षित ट्रेन हैं और स्पेशल ट्रेन के रूप में चलाई जा रही हैं। महू से रतलाम के लिए जिन ट्रेनों की मांग की जा रही है, वे सभी ट्रेनें डेमू ट्रेन की श्रेणी में आती हैं और इन ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में परेशानी होगी। हालांकि अधिकारियों ने इशारा किया है कि लगातार दबाव आने के बाद एक-दो ट्रेनों को शुरू किया जा सकता है। इंदौर से जितनी ट्रेनें शुरू की गई हंै, उनमें जाने और आने वाले यात्रियों के परिजनों को अभी बाहर से यात्रियों को अटैंड करना पड़ता है। उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं है और न ही प्लेटफार्म टिकट की बिक्री की जा रही है। रेलवे ने कोरोना काल में प्लेटफार्म टिकट के रेट 50 रुपए कर दिए थे, जो अभी तक उतने ही हंै। हालांकि रेलवे प्रशासन ने अब स्कैनर से जांच बंद कर दी है। अगर किसी यात्री में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो ही उसे यात्रा करने से रोका जाता है। Share: