उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

रेलवे के आरक्षण नियम केवल कागजों पर, काउंटर पर बैठा स्टाफ नहीं मानता

  • यात्रा की तारीख बदलने की मांग पर टिकट रद्द कराने की दे रहे हैं सलाह

उज्जैन। रेलवे ने यात्रियों की सुविधाजनक यात्रा के लिए कई नियम बनाए हैं। उदाहरण के तौर पर एक बार आरक्षण कराने के बाद यदि अचानक कार्यक्रम में कोई फेरबदल होता है, तो आप आरक्षण की तारीख में परिवर्तन करा सकते हैं। यदि आपने अपने नाम से टिकट कराया है और किसी कारणवश यात्रा पर नहीं जा पा रहे हैं, तो सिर्फ एक आवेदन देकर आप अपने स्थान पर अपने करीबी को इस टिकट पर भेज सकते हैं। 45 साल से अधिक आयु की महिला को लेडीज कोटा में कन्फर्म सीट मिल सकती है, लेकिन ये सभी नियम सिर्फ कागजों में चल रहे हैं। ये नियम रेलवे के काउंटरों से कराए गए आरक्षण पर लागू होते हैं, लेकिन काउंटरों पर बैठा स्टाफ इसका लाभ यात्रियों को नहीं दे रहा है।



आरक्षण की तारीख बदलवाने पर यात्रियों से टिकट कैंसिल कराकर नई बुकिंग कराने के लिए कहा जाता है, तो वहीं यात्री के नाम में परिवर्तन कराने के नाम पर भी दूसरा टिकट बुक कराने के लिए कहा जाता है। ऐसे में मजबूरन यात्रियों को पुराना टिकट रद कराकर नए टिकट बुक कराने पड़ रहे हैं। पिछले दिनों लोहा मंडी निवासी रावत परिवार ने माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए 16 जून का आरक्षण कराया था और वापसी के टिकट 20 जून के थे। इसी बीच परिवार के कुछ लोगों ने यात्रा करने में असमर्थता जताई, तो परिवार ने टिकट की तारीखों में बदलाव करने का निर्णय लिया। जब वे टिकट की तारीख में बदलाव कराने पहुंचे, तो काउंटर पर बैठे कर्मचारियों ने तारीख बदलने से मना करते हुए टिकट रद ही कराने के लिए कहा। ऐसे में उन्हें मजबूरन पुराने टिकट रद कराने पड़े, जिससे कैंसिलेशन चार्ज कटा और फिर नए सिरे से बुकिंग करानी पड़ी।

आनलाइन बुकिंग में नहीं मिलती कई सुविधाएं
यदि आपने आनलाइन टिकट बुक किया है, तो उसकी तारीख में परिवर्तन नहीं कराया जा सकता है। इसके लिए टिकट को कैंसिल कराने के बाद नए सिरे से ही बुकिंग करानी होगी। हालांकि आनलाइन टिकट पर किसी करीबी रिश्तेदार को यात्रा कराई जा सकती है, लेकिन इसके लिए भी रेलवे के आरक्षण काउंटर पर ही जाना होगा। आनलाइन बुकिंग में कई तरह के अतिरिक्त चार्ज भी लगते हैं।

कैसे मिलता है इन सुविधाओं का लाभ
यदि यात्रा की तारीख में परिवर्तन कराना है, तो आरक्षण फार्म के ऊपर डेट चेंज लिखना होगा। इसके बाद काउंटर पर पुराने टिकट के साथ फार्म देना होता है। यदि स्लीपर श्रेणी का टिकट है, तो 20 रुपए और यदि थर्ड एसी का टिकट है तो 45 रुपए का क्लर्क चार्ज चुकाकर तारीख में बदलाव कराया जा सकता है। अगर आप किसी कारण से यात्रा नहीं कर पा रहे हैं, तो अपना कन्फर्म टिकट किसी और के नाम भी ट्रांसफर कर सकते हैं। ये टिकट आपके ब्लड रिलेशन यानी माता-पिता, भाई-बहन, बेटा-बेटी या पति-पत्नी के नाम ही ट्रांसफर हो सकता है। नाम बदलने के लिए यात्रा से 24 से 48 घंटे पहले टिकट लेकर काउंटर पर जाना पड़ता है। इसमें जिस यात्री के नाम पर ट्रांसफर कराना है, उसका परिचय पत्र और रिश्ते का कोई दस्तावेज साथ लेकर जाना पड़ता है। ये सुविधा कन्फर्म टिकट पर ही मिलती है। ट्रेन के हर आरक्षण श्रेणी के कोच में छह लोअर बर्थ सीनियर सिटीजन और 45 वर्ष की आयु से अधिक महिला के लिए आरक्षित रहते हैं। उन्हें टिकट बुकिंग में प्राथमिकता मिलती है। टिकट बुकिंग के समय आयु लिखते ही यह कोटा मिल जाता है।

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