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राजस्थान सरकार ने केवल पांच दिन में पूरी की दुर्लभ खनिजों के ईएल ऑक्शन की आवश्यक तैयारी


जयपुर । राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने केवल पांच दिन में (In just Five Days) दुर्लभ खनिजों (Rare Minerals) के ईएल ऑक्शन की (For EL Auction) आवश्यक तैयारी (Necessary Preparations) पूरी कर ली (Completed) ।


मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सरकार ने दुर्लभ महत्वपूर्ण खनिज के 03 ब्लॉकों की एक्सप्लोरेशन लाईसेंस के लिए ई-नीलामी की प्रक्रिया 6 मार्च से आरंभ कर राजस्थान समूचे देश में अग्रणी प्रदेश बन गया है। सबसे खास बात यह कि 21 जनवरी, 24 को केन्द्र सरकार ने नियमों में संशोधन कर 22 जनवरी से भोपाल में आयोजित राज्यों के खान मंत्रियों के सम्मेलन में 23 जनवरी को 20 खनिजों के ईएल ऑक्शन तैयारी के लिए राज्यों को ब्लॉक उपलब्ध कराएं और इसी माह की एक मार्च, 24 को केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को मॉडल निविदा डॉक्यूमेंट भेजा गया।

खान सचिव आनन्दी ने बताया कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशन में राजस्थान के माइंस विभाग ने केवल पांच दिन में आवश्यक तैयारी कर रेयर अर्थ एलिमेंट के दो और पोटाश के एक ब्लॉक के एक्सप्लोरेशन लाइसेंस के लिए 6 मार्च, 24 को भारत सरकार के पोर्टल पर निविदा डॉक्यूमेंट जारी कर दिया। राजस्थान के साथ ही कर्नाटक ने भी एक ब्लॉक की ईएल ऑक्शन प्रक्रिया आरंभ की है। इससे पहले राजस्थान ने सोने की खान के एमएल व सीएल के लिए नीलामी आरंभ की है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने एमएमडीआर एक्ट में 17 अगस्त 23 को संशोधन कर महत्वपूर्ण व अधिक गहराई वाले 29 खनिजों के लिए नई ईएल नीति बनाई।

खान सचिव आनन्दी ने बताया कि खनिज रेयर अर्थ एलीमेंन्ट के बाड़मेर व जोधपुर जिले के चाबा-नवातल्ला-पटौदी में 574 वर्ग किमी क्षेत्र में संकेत है वहीं जयपुर, नागौर व सीकर के रेनवाल-रायथल-कालाडेरा के 789.40 वर्ग किमी क्षेत्र में संकेत उपलब्ध है। हनुमानगढ, श्रीगंगानगर, चूरू एवं बीकानेर में सरासर-पल्लू-धान्धूसर-हरदासवाली पोटाश के संकेत है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा तीनों ब्लॉकों के एक्सप्लोरेशन लाइसेंस के लिए 6 मार्च को भारत सरकार के पोर्टल पर निविदा डॉक्यूमेंट अपलोड कर दिया है। इच्छुक व्यक्ति भारत सरकार के एमएसटीसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर 21 मार्च तक टेण्डर डॉक्यूमेंट खरीद सकते हैं। बिड प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 12 अप्रेल है और चाबार-नवातल्ला-पटौेदी ब्लॉक के ईएल के लिए 29 अप्रेल, रेनवाल-रायथल-कालाडेरा ब्लॉक के ईएल के लिए 30 अप्रेल और पोटाश के सरासर-पल्लू-धान्धूसर-हरदासवाली ब्लॉक के लिए एक मई को बोली लगाई जा सकेगी। केन्द्र सरकार के नए प्रावधानों के अनुसार इन ब्लॉकों के ईएल के लिए रिवर्स आधार पर होगी।

पोटाश प्रमुख रूप से उर्वरक के काम आता है जो कि फसल की वृद्धि, रोगप्रतिरोधक क्षमता एवं जल संरक्षण में सहायक होता है। पोटाश के मामलें में हम पूरी तरह विदेशों से आयात पर निर्भर है। रेयर अर्थ एलीमेन्ट आरईई स्ट्रेटेजिक व क्रिटिकल खनिज की श्रेणी में आता है आज की तारीख में आरईई अति महत्वपूर्ण खनिज है जिसका सामरिक महत्व के साथ ही ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक उद्योग, मोबाइल टीवी उपकरण आदि में प्रमुखता से उपयोग होता है। वर्तमान में हमारे उधोग इन खनिजों के आयात पर निर्भर है। इन खनिजों के डिपोजिट्स के वास्तविक आकलन के लिए ईएल ऑक्शन किये जा रहे हैं, ताकि आकलन के आधार पर खनन पट्टों की नीलामी की जा सके और अनावश्यक समय व श्रम की बचत हो सके। इसके साथ ही इससे जहां एक और देश में औद्योगिक निवेश बढ़ेगा, रोजगार और आय के नये क्षेत्र विकसित होंगे वहीं हमारे देश की विदेशों पर निर्भरता कम होगी।

निदेशक खान व भूविज्ञान भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि विभाग द्वारा तीनों ब्लॉकों की विस्तृत जानकारियां व ईएल डॉक्यूमेंट विभागीय वेबसाइट व भारत सरकार के पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि देश दुनिया में कहीं से भी कोई भी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर इस प्रक्रिया में हिस्सा ले सकता है।

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