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राजस्थान: छात्र की मौत के बाद हालात बेकाबू, पुलिस और परिजनों के बीच झड़प, जमकर हुई पत्थरबाजी

जालोर। राजस्थान के जालोर जिले (Jalore district of Rajasthan) में बीते दिन एक स्कूल टीचर ने 9 साल के एक दलित बच्चे की मटके से पानी पीने पर जमकर पिटाई कर दी थी, जिसके बाद 13 अगस्त को उसकी मौत हो गई थी. वहीं, इस घटना के बाद दलित समाज (dalit society) के लोगों में काफी आक्रोश है. रविवार को परिजनों ने कहा कि जबतक उनकी सभी शर्तें नहीं मान ली जाती हैं तबतक बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. खबर है कि पुलिस प्रशासन बच्चे के परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे थे, तभी किसी बात को लेकर पुलिस और वहां मौजूद लोगों के बीच झड़प हो गई. गुस्साएं सामाजिक संगठन और भीड़ ने जमकर पथराव किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को प्रदर्शनकारियों को लाठीचार्ज करना पड़ा है.

दरअसल, परिजन इस बात को लेकर अड़े थे कि व्यक्ति को नौकरी मिले और स्कूल की मान्यता रद्द हो. इसके साथ ही उनकी मांग थी कि इन तीनों घोषणाओं को मुख्यमंत्री अभी के अभी ट्वीट करें. अन्यथा मृतक बच्चे का शव नहीं उठाएंगे. इसी बीच प्रशासन ने मृतक के परिजनों को समझाया बुझाया. लेकिन भीम आर्मी के कुछ लोगों ने अपशब्द कहना शुरू किया. इस दौरान पुलिस और परिजनों के बीच झड़प शुरु हुई. इस दौरान सामाजिक संगठन और परिजनों ने पथराव किया है, जिसमें कई गाड़ियों के शीशे तोड़े कई पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों को चोटें आई है. फिलहाल घटनास्थल पर माहौल खराब हो गया है.


वहीं, सुराणा गांव में दलित छात्र की मौत के बाद गांव में सन्नाटा छाया हुआ है. जहां बड़ी तादाद में लोगों का हुजूम छात्र के घर पहुंचा है. परिजन छात्र के शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार करते रहे. ऐसे में लगातार समझाइश का दौर जारी रहा पर मानने को तैयार नहीं है.ASP मांगीलाल राठौड़, ASP सुनील के पवार दोनों को जोधपुर से बुलाया गया है. वही एक जालौर से ASP अनुकृति उज्जैनिया के द्वारा लगातार समझाइश की जा रही थी. पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल, पूर्व जिला प्रमुख मंजू मेघवाल भी लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे.

इसी बीच सूबे के सीएम अशोक गहलोत ने इस घटना को काफी दुःखद बताया है. उन्होंने कहा कि, पुलिस ने आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया है. ऐसे में हर संभव कार्रवाई की जा रही है. हालांकि, छात्र की मौत को लेकर गांव के ग्रामीणों का कहना है कि, अगर टीचर ने गलती की है तो उसे सजा मिलनी चाहिए जो गलत करेगा उसे भुगतना होगा. दोनों पक्षों को यही समझाया जा रहा है कि शांतिपूर्ण तरीके से मामला सुलझाए. गांव में जो शांति भाईचारा बना हुआ है.वह कायम रहे. साथ ही आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिले और बच्चे के परिजनों को भी आर्थिक सहयोग मिले.

बता दें कि, इस घटना के बाद मासूम बच्चे की जान लेने वाले शिक्षक छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस दौरान पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ ST/SC एक्ट और IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. जहां दलित छात्र इंद्र कुमार की मौत पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर विपक्ष और केंद्र के कई नेताओं ने परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताई है. इसके साथ ही राजस्थान सरकार ने मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से देने का ऐलान किया है. वहीं पुलिस की ओर से इस मामले के त्तकाल अनुसंधान और दोषी को जल्द सजा देने के लिए केस ऑफिसर स्कीम के तहत चलाने का फैसला किया गया है.

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