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राहत! टीकाकरण के बाद कोरोना हुआ तो बनेगी सुपर इम्युनिटी

नई दिल्ली। अगर कोरोना से बचाव का टीका (vaccine against corona) लगवाने के बाद भी आप संक्रमण की चपेट (vulnerable to infection) में आ गए हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह होने वाले संक्रमण से व्यक्ति के शरीर (person’s body due to infection) में सुपर इम्युनिटी विकसित (Super immunity developed) होती है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ऐसा दावा रक्त में एंटीबॉडी की मौजूदगी के आधार पर किया है। अहम बात यह भी है कि वैज्ञानिकों का कहना है कि टीका लगने से पहले भी कोई संक्रमित हो चुका हो तब भी शरीर में सुपर इम्युनिटी विकसित होगी।

अमेरिका के ऑरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने टीके की दो डोज ले चुके 104 लोगों के रक्त के नमूनों का अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि अभी तक कोरोना से बचे लोगों की तुलना में इससे संक्रमित हो चुके लोगों में एंटीबॉडीज का स्तर दस गुना अधिक पाया गया है। साथ ही जो लोग कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने से पहले संक्रमित हो चुके हैं, उनके रक्त में भी एंटीबॉडी का बेहतर स्तर पाया गया।


ओमिक्रॉन को खिलाफ कारगर
ध्यान देने की बात यह भी है कि यह शोध ओमिक्रॉन वैरिएंट के आने से पहले हुआ है। ऐसे में वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि सुपर इम्युनिटी ओमिक्रॉन को भी मात दे सकती है।

रक्त को तीन वैरिएंट के संपर्क में लाए
सुपर इम्युनिटी के नतीजे तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने शोध में शामिल सभी लोगों के रक्त के नमूनों को कोरोना के तीन वैरिएंट अल्फा, बीटा, गामा से संपर्क कराया। सभी लोगों को फाइजर टीके की दोनों खुराक लगी थी। परीक्षण में शामिल लोगों को पहले हुए संक्रमण के आधार पर तीन समूह में बांटा गया था। इसमें से 42 लोग ऐसे थे जो कभी संक्रमित नहीं हुए थे।

सुपर इम्युनिटी वायरस से लड़ने में सक्षम
शोधकर्ता डॉ. फिकाडु तफासे के अनुसार इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पहले संक्रमित हुए हैं फिर टीका लगा है या पहले टीका लगा है फिर संक्रमित हुए हैं। दोनों ही मामलों में एंटीबॉडीज का स्तर अधिक मिला है जो वायरस से लड़ने के लिए सुपर इम्युनिटी का काम करेगी।

टीका न लेने वालों को खतरा अधिक
शोध में शामिल संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. मार्सेल कर्लिन का कहना है कि खतरा उन्हें ज्यादा है जिन्हें अभी टीका नहीं लगा है या जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। प्राकृतिक संक्रमण के बाद रोग प्रतिरोधक तंत्र का स्तर बेहतर देखा गया है। संक्रमण के बाद टीकाकरण में भी सुरक्षा कवच उतना ही मजबूत है। हालांकि सावधानी बहुत जरूरी है।

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