- याचिका स्वीकार कर हाईकोर्ट ने दिए रिन्यूअल के निर्देश
इंदौर (Indore)। एक याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने माना है कि अपराध पेंडिंग होने के आधार पर पासपोर्ट का रिन्यूअल नहीं रोक सकते। कोर्ट में 3 माह में याचिकाकर्ता का पासपोर्ट रिन्यूअल करने के निर्देश संबंधित अथॉरिटी को दिए हैं। इस समंध में अबूजार रंगवाला की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि पासपोर्ट अथॉरिटी ने उसका पासपोर्ट रिन्यूअल करने से इस आधार पर इनकार कर दिया कि उसके विरुद्ध धारा 354, 294, 34 आईपीसी और 288, 337 आईपीसी के दो अपराध पंजीबद्ध हैं, जिनकी सुनवाई ट्रायल कोर्ट में चल रही है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वह भारत से बाहर जाने की अनुमति नहीं चाहता, केवल पासपोर्ट रिन्यूअल की अनुमति मांग रहा है। इसी तरह के दो मामलों में पूर्व में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार की कि उसके पासपोर्ट को रिन्यूअल किए जाने के लिए संबंधित अथॉरिटी को निर्देश दिए जाएं।
सरकार की ओर से इसका विरोध करते हुए एक गजट नोटिफिकेशन का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया है कि अपराध लंबित रहते हुए पासपोर्ट रिन्यूअल नहीं किया जा सकता। सभी के तर्क एवं तथ्यों के अवलोकन के आधार पर जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच ने माना कि अपराध पेंडिंग रहते हुए पासपोर्ट रिन्यूअल में कोई कानूनी बाधा नहीं है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए संबंधित अथॉरिटी को निर्देश दिए कि आदेश की कॉपी मिलने के तीन माह में याचिकाकर्ता का पासपोर्ट रिन्यूअल करें। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि केवल इसलिए कि याचिकाकर्ता का पासपोर्ट रिन्यूअल हो गया है, उसे विदेश यात्रा का अधिकार नहीं होगा। इसके लिए उसे संबंधित ट्रायल कोर्ट से उचित अनुमति लेना होगी।
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