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अगस्त में होगी रेपो रेट में 0.75 फीसदी की वृद्धि, EMI में राहत की उम्मीद नहीं: SBI

नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई (rising inflation) के बीच कर्ज की किस्त (ईएमआई) (Loan Installment (EMI)) से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) अगस्त तक रेपो रेट में बढ़ोतरी (hike in repo rate) करेगा। एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त तक केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 75 बीपीएस यानी 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी करेगा। जून में इस वित्तवर्ष की दूसरी और अगस्त में तीसरी बैठक होगी।

जानकारों का मानना है कि जून में 25 बीपीएस और अगस्त में 50 बीपीएस रेपो रेट को बढ़ाया जा सकता है। इससे आपकी किस्त में अच्छा खासा इजाफा होगा। इसी के साथ रिजर्व बैंक नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी 50 बीपीएस की बढ़ोतरी कर सकता है। इससे आप को जमा पर ज्यादा ब्याज मिलेगा। आरबीआई ने मई में बिना तय बैठक के अचानक रेपो रेट में 40 बीपीएस और सीआरआर में 50 बीपीएस की बढ़ोतरी किया था।


रेपो रेट 5.25 फीसदी तक जाएगा
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई रेपो रेट को बढ़ाकर 5.25 फीसदी तक करेगा। यह अभी 4.5 फीसदी पर है। अगस्त के बाद दरों को बढ़ाने का मामला थोड़ा धीमा पड़ सकता है। उनका कहना है कि इस आधार पर होम लोन की ब्याज दर 8.5 फीसदी तक जा सकती है। इसका मतलब यह है कि मकानों की बिक्री में गिरावट आएगी। घोष क हते हैं कि आरबीआई को किसी भी हालत 1.25 फीसदी से ज्यादा रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं करना चाहिए। इसमें से 40 बीपीएस पहले ही बढ़ चुका है।

कितना बढ़ सकती है किस्त
अगर जून में रेपो रेट 25 बीपीस बढ़ता है तो 20 साल के लिए 30 लाख के लोन पर मासिक 800 रुपये करीबन किस्त बढ़ेगी। जबकि अगस्त में अगर रेपो रेट 50 बीपीएस बढ़ता है तो सीधे-सीधे आपकी किस्त महीने में 1500 रुपये बढ़ जाएगी। अगर मई के रेपो रेट से देखें तो अगस्त तक मासिक किस्त पर करीबन 3,000 रुपये का असर होगा।

महंगाई सितंबर तक 7 फीसदी तक रहेगी
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई की दर सितंबर तक 7 फीसदी तक रहेगी। उसके बाद यह 6.5 से 7 फीसदी के दायरे में रह सकती है। एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने महंगाई जैसे कारक को हर तरह से प्रभावित किया है।

महंगाई में कई वस्तुओं का ज्यादा योगदान
22 अप्रैल के महंगाई के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि गेंहू, प्रोटीन आइटम (खासकर चिकन), दूध, नींबू, पका हुआ भोजन, मिर्च, रिफाइंड तेल, आलू, मिट्टी का तेल, लकड़ी, सोना और एलपीजी ने महंगाई को बढ़ाने में ज्यादा योगदान दिया है।

पेट्रोल और डीजल का योगदान कम हो रहा है महंगाई में
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई में पेट्रोल और डीजल का योगदान अक्तूबर, 2021 से लगातार घट रहा है। जबकि मिट्टी के तेल और जलाई जाने वाली लकड़ी ने महंगाई बढ़ाई है। मिट्टी के तेल से गांवों में ईधन की कीमतें ज्यादा बढ़ी हैं। यह गांवों की मांग में अड़चन पैदा कर सकता है।

बैंकों से 87 हजार करोड़ और निकलेगा
घोष कहते हैं कि सीआरआर में 50 बीपीएस की बढ़त से बैंकों से 87 हजार करोड़ रुपये और निकलेंगे। यानी कुल मिलाकर 1.74 लाख करोड़ रुपये सिस्टम से निकल जाएंगे। 87 हजार करोड़ रुपये इसी महीने सीआरआर बढ़ने से निकल गए थे।

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