भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

6 साल से फाइलों में दबी है सरदार सरोवर बांध घोटाले की रिपोर्ट

  • पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने लगाए आरोप

भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर और पूर्व सीएम दिग्विजय ने मप्र सरकार पर आरोप लगाए हैं कि नर्मदा घाटी परियोजना अंतर्गत सरदार सरोवर बांध में हुए घोटाले की जांच रिपोर्ट पिछले छह साल से फाइलों में दबी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 से डूब प्रभावित किसानों को वैकल्पिक खेती लायक जमीन नर्मदा ट्रिब्यूनल और पुनर्वास नीति तथा सर्वोच्च अदालत के फैसलों के आधार पर दी जानी थी। पुनर्वास के अन्य कार्यो में जैसे मकान के लिये भू-खण्डों का आवंटन जिसमें कई पुनर्वास स्थलों पर परिवर्तन होने लगा और पूनर्वास बसाहटों पर हो रहे सुविधाओं के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार सामने आने लगा। तब 2007 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से मप्र उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई। जस्टिस श्रवणशंकर झा की अध्यक्षता में भ्रष्टाचार जांच आयोग गठित किया।


जनवरी 2016 में प्रस्तुत हुए झा आयोग की रिपोर्ट में सभी मुद्दों पर भ्रष्टाचार और अनियमितताएं हुई। इस रिपोर्ट के आधार पर अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। मेधा पाटकर ने कहा कि इस मामले में विधानसभा और संसद में बहस क्यों नहीं हो सकती। दिग्विजय सिंह कहा कि पूरी सरकार दलालों से, भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों से चल रही है। शिकायत होती है तो दबा दी जाती है। यह एक ऐसा प्रकरण है। जिसमें जस्टिस झा ने भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों के नाम भी लिख दिए। दलालों के नाम पते के साथ भी लिख दिए। लेकिन सरकार ने 5 अगस्त 2016 को ऑर्डर निकाला कि यह कार्रवाई कमिश्नर इंदौर करेंगे। लैंड एक्यूजेशन ऑफिसर जिन्होंने खुद भ्रष्टाचर किया है उन्हीं को एफआईआर दर्ज कराने की जिम्मेदारी दी। वे अपने खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज कराएंगे।

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