काबुल: महिलाओं के लिए एक और दमनकारी कदम उठाते हुए लड़कियों को पढ़ाई के लिए विदेश जाने पर रोक लगा दी है. देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और अमेरिका के समर्थन वाली सरकार के पतन के बाद तालिबान के नेतृत्व में एक अंतरिम अफगान सरकार सत्ता में आई थी. तालिबान ने अफगान महिलाओं के घरों से बाहर काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया है और स्कूलों में लिंग आधारित अलगाव की शुरुआत की है. लड़कियों को छठी कक्षा के बाद शिक्षा हासिल करने की अनुमति नहीं है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक खबर के मुताबिक काबुल में सूत्रों ने बताया कि अब तालिबान ने छात्राओं को कजाकिस्तान और कतर में पढ़ाई के लिए अफगानिस्तान की राजधानी काबुल छोड़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. महिला और पुरुष छात्र काबुल छोड़ने की योजना बना रहे थे, लेकिन केवल पुरुष छात्रों को ही अफगानिस्तान से बाहर जाने की इजाजत दी गई. इससे पहले तालिबान ने सभी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपना चेहरा ढंकने के लिए मजबूर किया है.
महिलाओं को मनोरंजन गतिविधियों में हिस्सा लेने और पुरुषों के साथ पार्कों में जाने की अनुमति नहीं है. अगस्त 2021 में तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो उसके बाद विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के बुनियादी अधिकारों को गंभीर रूप से प्रतिबंधित करने वाली नीतियां लागू कीं. तालिबान का फरमान महिलाओं को यात्रा करने से रोकता है. यात्रा के समय उनके किसी पुरुष रिश्तेदार का रहना जरूरी है. कई अधिकार समूहों ने महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को बनाए रखने के लिए बड़े नीतिगत बदलावों और उपायों को लागू करने के लिए तालिबान से अपील की है.
तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक समावेशी समाज बनाने और महिलाओं को समानता देने का वादा किया था. जबकि उसके कारनामे एक अलग ही तस्वीर पेश करते हैं. तालिबान के कारण मीडिया में काम करने वाली लगभग 80 प्रतिशत महिलाओं की नौकरी छूट गई है. देश में लगभग 1.8 करोड़ महिलाएं स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक अधिकारों के लिए छटपटा रही हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved